किसान आंदोलन से व्यापार को 60 हजार करोड़ रुपये का हुआ नुकसान, कई लोगों की गई नौकरियां

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए यूपी गेट पर प्रदर्शनकारी किसानों को धरनास्थल को खाली करने का आदेश दिया है, लेकिन शुक्रवार सुबह से हालात जस के तस हैं।

नोटिस के बाद गिरफ्तारी के लिए तैयार भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरनास्थल छोड़ने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोई किसान अपनी जगह से नहीं जाएगा। राकेश टिकैत ने यूपी गेट पर ही अनशन की चेतावनी दी है। मीडिया से बात करते वक्त वह रो भी पड़े। कहा-कृषि कानून रद न किए गए तो वह आत्महत्या कर लेंगे। टिकैट के समर्थन में हरियाणा से हजारों ट्रैक्टर और गाड़ियों पर किसान दिल्ली बॉर्डर की ओर गुरुवार रात में रवाना हुए हैं और जींद में हाईवे जाम कर दिया गया है। टिकैत के मुजफ्फरनगर स्थित गांव सिसौली में आज 11 बजे आंदोलन को लेकर महापंचायत बुलाई गई है।

आपको बता दे, पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर के 60 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो चुका है। कई लोगों की नौकरी जा चुकी है।

बता दे, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत शाम 6 बजे अफसरों के साथ बैठक के दौरान धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे। लेकिन, कुछ देर बाद भाजपा विधायक नंद किशोर की एंट्री से मामले ने यू-टर्न ले लिया। नंद किशोर अपने समर्थकों के साथ धरनास्थल के पास पहुंच गए।

नंद किशोर ने पुलिस से कहा कि आंदोलनकारियों को रविवार तक हटा लें, वरना हम हटाएंगे। इसके बाद टिकैत भड़क गए। उन्होंने कहा कि भाजपा का विधायक पुलिस फोर्स के साथ मिलकर किसानों का कत्लेआम करने आया है। इसलिए अब हम कहीं नहीं जा रहे।

गाजीपुर बॉर्डर पर UP पुलिस ने गुरुवार शाम 4 बजे धरनास्थल को चारों तरफ से सील कर दिया। भारी पुलिस की मौजूदगी में किसानों को हटने का नोटिस थमाया गया। अफसरों ने कहा कि धरना हटाकर रहेंगे। इसका असर यह हुआ कि लाठी और गोली वाले बयानों से विवादों में आए टिकैत इमोशनल दांव खेल गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि 'यह किसानों के कत्लेआम की तैयारी है। मुझे मारने की साजिश रची जा रही है।'

टिकैत ने कहा, 'इतनी बड़ी साजिश होगी, मुझे पता नहीं था। मैंने सब लोगों के खिलाफ जाकर बीजेपी को वोट दिया था। मेरी वाइफ ने किसी और को वोट दिया था, लेकिन मैंने बीजेपी को वोट दिया। उन्हें वोट देकर मैंने गद्दारी की थी। ये सरकार किसान बिरादरी को पूरे देश में बदनाम करने की कोशिश कर रही है।'