किसान आंदोलन: ठंड के बढ़ते ही बदला लंगरों का मेन्यू, बांटे जा रहे हैं बादाम, मगज, मेथी और तिल के लड्डू

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 20वां दिन है। किसान यूनियन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा की बैठक आज दोपहर 3 बजे होने वाली है। इसमें एक हफ्ते की रणनीति पर चर्चा होगी। वहीं, ठंड बढ़ने के साथ ही लंगर घरों का मेन्यू भी बदल गया है। राजधानी की सभी सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को सर्दी से बचाने के लिए समाजसेवक दिन-रात जुटे हैं। उन्होंने सुबह नाश्ते से रात के भोजन तक का मेन्यू बदल दिया है, ताकि किसान बीमारी से बचे रहें और आंदोलन चलाते रहें।

गाजीपुर बार्डर पर धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने के साथ ही वहां लंगरों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। मौजूदा समय में गाजीपुर में 20 से अधिक बढ़े लंगर चल रहे हैं। यहां सुबह से लेकर शाम तक जलेबी, चाय, मैगी और खाने पीने के ज्यादातर सामान की व्यवस्था रहती है। ट्रैक्टर-ट्रॉली और महिंद्रा पिकअप गाड़ी में सेवादार खीर, केले, संतरे, सेब और अन्य फल बांटते रहते हैं। इसके अलावा हर लंगर के बाहर चाय-बिस्कुट और खाने-पीने के अन्य सामान की व्यवस्था रहती है।

बादाम, मगज, मेथी और तिल के लड्डू

गाजीपुर बॉर्डर पर बादाम, मगज, मेथी और तिल के लड्डू बांटे जा रहे हैं। लंगर सेवक ने बताया कि उनका जत्था नदेड़, (महाराष्ट्र) से आया है। ठंड बढ़ी तो फौरन लंगर के सेवाकों ने बादाम और अन्य मेवो से बने लड्डू बनाकर किसानों को बांटना शुरू कर दिया है। इसके अलावा किसानों की जरूरत का हर सामान उनको मुहैया कराया जा रहा है।

सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार: गडकरी

आपको बता दे, सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- 'कुछ ऐसे लोग हैं जो प्रदर्शन का गलत इस्तेमाल कर किसानों को बहका रहे हैं। सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।'

गडकरी ने कहा- 'किसानों को तीनों कृषि कानूनों को समझना चाहिए। सरकार किसानों के लिए समर्पित है। उनके सभी सुझाव मानने को तैयार है। हमारी सरकार में उनके साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होगी। इन कानूनों के बारे में बताएंगे और बातचीत से रास्ता निकालेंगे।'

गडकरी ने कहा- 'अगर बातचीत नहीं होगी तो दोनों तरफ गलत बातें पहुंचेंगी, विवाद पैदा होगा और बहस बढ़ेगी। अगर बातचीत हुई तो इस मुद्दे को सुलझाया जा सकेगा। सारी चीजें खत्म हो जाएगी। किसानों को इंसाफ मिलेगी, उन्हें राहत मिलेगी। हम किसानों के हितों के लिए काम कर रहे हैं।'

सिंघु बॉर्डर पर बाटा जा रहा मेवे का दूध

किसानों को सिंघु बॉर्डर पर मेवे का दूध, चाय-पकौड़ी, पिज्जा, मैगी, मीठे चावल, तमाम तरह के फल, कई तरह की सब्जियां और रोटी बांटी जा रही है। सुबह से रात तक लंगर चलते हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही वहां भी लंगर का मेन्यू बदला गया है। लंगर चला रहे लोगों ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि ठंडी तासीर की चीजें न बनाई जाएं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी लंगरों में बेहतरीन व्यवस्था की गई है।

किसानों ने सड़क जाम करने के लिए माफी मांगी

किसानों ने सोमवार को लोगों को हो रही परेशानी के लिए माफी मांगी। किसानों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राहगीरों को हिंदी में लिखे हुए पर्चे बांटे। पर्चों में लिखा गया- रोज जाम करना, लोगों के लिए परेशानी खड़ी करना हमारा मकसद नहीं है। हम मजबूरी में यहां बैठे हैं। हम प्रदर्शन की वजह से आपको हुई परेशानी के लिए हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं।