'युद्ध भड़काकर पैसे कमाता है अमेरिका', पाकिस्तानी मंत्री ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान

भारत-पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव बढ़ता है, तो बयानों की बाढ़ आ जाती है। कभी भारत की ओर से तीखे तेवर सुनने को मिलते हैं, तो कभी पाकिस्तान की ओर से कड़े आरोप लगाए जाते हैं। कई बार अमेरिका और अन्य वैश्विक ताकतें भी इस चर्चा में शामिल होती हैं। लेकिन इस बार पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का जो बयान सामने आया है, उसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। ऐसा बयान पहले शायद ही किसी पाकिस्तानी नेता के मुंह से सुना गया हो।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है। यह वीडियो प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर @erbmjha नाम के एक हैंडल से शेयर किया गया है। वीडियो में ख्वाजा आसिफ अमेरिका पर सीधे-सीधे गंभीर आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अमेरिका पिछले 100 वर्षों से दुनिया भर में जानबूझकर युद्ध भड़काता है ताकि वह अपने हथियार उद्योग को आगे बढ़ा सके। उनका यह बयान सुनते ही इंटरनेट पर प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई।

'अमेरिका जानबूझकर झगड़े कराता है, फिर हथियार बेचता है'

वीडियो में ख्वाजा आसिफ कहते हैं, “अमेरिका ने बीते सौ वर्षों में करीब 260 युद्धों में हिस्सा लिया, जबकि चीन ने सिर्फ तीन युद्ध लड़े हैं। अमेरिका के पास एक बहुत बड़ा हथियार उद्योग है और वह उनकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए अमेरिका दुनिया के कोनों में लड़ाई भड़काता रहता है। चाहे वो अफगानिस्तान हो, सीरिया, मिस्र या लीबिया— ये देश कभी संपन्न हुआ करते थे, लेकिन युद्धों ने इन्हें तबाह कर दिया।” आसिफ ने यह भी दावा किया कि अमेरिका दोनों पक्षों को हथियार बेचकर लाभ कमाता है और इसे उन्होंने एक 'स्थापित इंडस्ट्री' करार दिया।

'कुछ तो सही कह गया ये आदमी'

ख्वाजा आसिफ के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं दो धड़ों में बंटी नजर आईं। कुछ लोगों ने आसिफ के बयान को दोगली मानसिकता करार दिया और उनकी आलोचना की। एक यूजर ने लिखा, “जब पाकिस्तान को अमेरिका से F-16 लड़ाकू विमान चाहिए होते हैं, तो ये अमेरिका से मदद मांगने में नहीं हिचकते, लेकिन अब अमेरिका को कोस रहे हैं?” एक अन्य यूजर ने तंज में कहा, “दुनिया में अमेरिका को दोष देना आसान है, लेकिन जब खुद का देश उसी अमेरिका से टेक्नोलॉजी और आर्थिक मदद लेकर खुश होता है, तब इस तरह की बातें मजाक लगती हैं।”

हालांकि कुछ यूजर्स ऐसे भी थे, जो ख्वाजा आसिफ की बात से आंशिक रूप से सहमत नजर आए। एक यूजर ने लिखा, “वैसे तो यह मंत्री अक्सर ऊलजलूल बयान देता है, लेकिन इस बार बात में कुछ सच्चाई है।” लेकिन फिर भी अधिकतर लोगों ने उनके दोहरे रवैये पर सवाल उठाए। बयान की सच्चाई और विडंबना को देखकर कई लोग सोच में पड़ गए।

'तो फिर पाकिस्तान बार-बार अमेरिका के पास क्यों जाता है?'

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने गहराई से इस मसले पर विचार किया और कहा कि अमेरिका को दोषी ठहराकर पाकिस्तान अपनी अंदरूनी नीतियों और आतंकवाद को छुपा नहीं सकता। एक यूजर ने लिखा, “हथियारों का बाजार अंतरराष्ट्रीय है, लेकिन शांति की पहल तो जिम्मेदारियों से शुरू होती है।” कई लोगों ने पाकिस्तान की बदली हुई चालों को लेकर तंज कसते हुए कहा, “जब मदद चाहिए थी, तब अमेरिका सबसे बड़ा दोस्त था, और अब जब हालात सुधरने लगे हैं, तो अमेरिका फिर से विलेन बन गया।” इस बयान ने न केवल अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों पर नई बहस छेड़ दी है, बल्कि पाकिस्तानी नेताओं की कथनी और करनी के बीच के फासले को भी उजागर कर दिया है।