SMS में दलित इंजीनियर से मिलने पहुँचे खड़गे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर। आज राजनीतिक स्तर पर दो बड़ी घटनाएँ राजस्थान में हुई। पहली भरतपुर में प्रधानमंत्री मोदी की सभा, जिसमें उन्होंने जमकर कांग्रेस और गहलोत को कोसा और उन्हें दलितों का विरोधी बताते हुए भरतपुर संभाग की 7 विधानसभा सीटों को साधने का काम किया। पिछली बार भाजपा को भरतपुर की इन सातों सीटों पर जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था। इसीलिए इस बार भाजपा ने दलितों को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है। वहीं दूसरी घटना जयपुर में हुई जहाँ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती दलित महिला इंजीनियर हर्षादिपति से मिलने पहुँचे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने इंजीनियर हर्षाधिपति वाल्मिकी से मुलाकात की, जिनकी पिछले साल एक कांग्रेस विधायक ने कथित तौर पर पिटाई की थी। यह आरोप धौलपुर में बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके समर्थकों पर लगे थे। मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस ने मलिंगा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब मलिंगा को भाजपा ने 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए धौलपुर में बाड़ी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। इंजीनियर से मुलाकात के बाद खड़गे ने कहा कि इस घटना के कारण कांग्रेस ने मलिंगा को टिकट नहीं दिया और वह भाजपा में शामिल हो गए और उसी दिन उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।


दलित महिला इंजीनियर 18 महीनों से अस्पताल में भर्ती है। कांग्रेस अध्यक्ष व सीएम ने इंजीनियर से मुलाकात कर दलित वर्ग को बड़ा संदेश दिया है। कांग्रेस लगातार दलितों के विकास की बात कर रही है। भरतपुर में पहले से ही चल रही दलित राजनीति को पीएम मोदी ने भी और आगे बढ़ाया है। उन्होंने डीग के रहने वाले आईएएस हीरालाल सामरिया को केंद्रीय सूचना आयुक्त बनाए जाने पर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हीरालाल सामरिया को केंद्रीय सूचना आयुक्त बनाया तो कांग्रेस खुश नहीं हुई क्योंकि कांग्रेस स्वभाव से ही दलित है।

बहरहाल भाजपा हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को लेकर ध्रुवीकरण करने के साथ ही दलित वोटों पर भी फोकस कर रही है। कांग्रेस पहले से ही दलित वोटों को साधे हुए हैं। राजस्थान में इस वक्त दोनों ही राजनीतिक दलों के साथ आरएलपी ने भी दलितों के मुद्दे को उठाया है।