नागरिकता कानून के खिलाफ केरल सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के खिलाफ केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। केरल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया है। इससे पहले राज्य में सीएए लागू नहीं करने का प्रस्ताव विधानसभा में पास कर रेकॉर्ड बनाया जा चुका है। वह ऐसा करने वाला देश का पहला और अकेला राज्य है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन साफ कर चुके हैं की राज्य में सीएए और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण) लागू नहीं होगा

केरल में वामपंथी गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है जिसकी अगुवाई पिनराई विजयन कर रहे हैं। केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास करवाने के बाद अखबारों में विज्ञापन छपवाकर इस बात के लिए अपनी पीठ थपथपाई। वहां के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत की संसद द्वारा निर्मित कानून के खिलाफ इस तरह विज्ञापन प्रकाशित करने पर राज्य का संसाधन खर्च करना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि नागरिकता विशेष रूप से केंद्र का विषय है, इसका वास्तव में कोई महत्व नहीं है।