सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद उठा प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार देर रात कुछ लोगों ने भाजपा सांसद वी मुरलीधरन के घर पर देशी बम से हमला किया। इस हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस के मुताबिक, रात करीब 10:15 बजे बाइक पर सवार अज्ञात लोगों ने कन्नूर जिले स्थित मडपीडिकायिल में शमसीर के आवास पर बम फेंके। हमले के बाद शमसीर ने मीडिया से कहा, "यह राज्य में हिंसा भड़काने की आरएसएस की साजिश है। वे राज्य में हिंसा भड़काकर यहां की शांति को भंग करना चाहते हैं।" हमले के वक्त विधायक घर पर मौजूद नहीं थे। वह थलासरी में एक शांति कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। शमसीर के अलावा सीपीएम के पूर्व जिला सचिव पी शशि के आवास पर भी बम फेंका गया। वहीं सीपीएम कार्यकर्ता विशाक पर कन्नूर जिले के ही इरित्ति में हमला किया गया।
इससे पहले शुक्रवार को भी भाजपा तथा आरएसएस से संबधित कार्यालयों पर सीपीएम समर्थकों ने हमला कर नुकसान पहुंचाया था। शुक्रवार रात सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने आरएसएस नेता चंद्रन के घर पर भी हमला किया था।
शुक्रवार को श्रीलंका की 50 साल से कम उम्र की एक महिला शुक्रवार को यहां अयप्पा मंदिर में प्रवेश पाने में सफल रही थी। त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने सबरीमला मंदिर के मुख्य पुजारी से रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं बिंदू (42) और कनकदुर्गा (44) के दो जनवरी को प्रवेश के बाद मंदिर बंद करने तथा इसका शुद्धिकरण करने के उनके निर्णय के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। केरल में हिंसा की घटनाओं शुक्रवार को भी जारी रहीं और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर देसी बम तथा पत्थर फेंके। पुलिस ने बताया कि मालाबार देवस्वओम (मंदिर प्रशासन) बोर्ड के सदस्य के। शशिकुमार के कोझिकोड में पेरम्ब्रा स्थित घर पर शुक्रवार तड़के देसी बम फेंके गये। उन्होंने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गये।
पुलिस ने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गये। पुलिस ने बताया कि अब तक कम से कम 1718 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 1108 मामले दर्ज किये गये हैं। गुरुवार को हिंदू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था। उन्होंने बताया कि इस वक्त 1009 लोगों एहतियातन हिरासत में रखा गया है। पुलिस ने कहा कि हिंसा में132 पुलिसकर्मियों और 10 मीडियाकर्मियों सहित 174 लोग घायल हुए हैं।
इस बीच, शुक्रवार सुबह करीब छह बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर कायल को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया। उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आयी थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिये और ‘‘इरुमुदीकेट्टू’’ के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं।
चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में काली साड़ी पहनकर सबरीमला में पूजा की थी। जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।