बेंगलूरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आर्थिक सलाहकार बसवराज रायरेड्डी ने कहा है कि राज्य सरकार की पांच गारंटियों के लिए भारी आवंटन ने विकास कार्यों के लिए धन प्राप्त करना मुश्किल बना दिया है।
कोप्पल जिले के येलबर्गा से कांग्रेस विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के मंगलुरु गांव में एक झील पर काम शुरू करने के बाद किसानों की बैठक में बोल रहे थे।
रायरेड्डी ने कहा, मुख्यमंत्री ने मुझे अपना आर्थिक सलाहकार बनाया है और मैं उनसे रोजाना बातचीत करता हूं, इसलिए यह पैसा (झील परियोजना के लिए) आया है, अन्यथा यह नहीं आता... असंभव। यह एकमात्र काम है जो पूरे राज्य में हो रहा है, क्योंकि गारंटी से ही काम पूरा हो जाएगा... हमें इसके लिए (गारंटियों के लिए) 60,000-65,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। मुझे पता है कि यह कितना मुश्किल है, आंतरिक वित्त।
विपक्षी भाजपा और जेडीएस राज्य में कांग्रेस सरकार पर कोई भी विकास कार्य न करने का आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए भारी भरकम खर्च किया जा रहा है।
रायारेड्डी के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा है, कोई कठिनाई नहीं है, हम काम को सुव्यवस्थित कर रहे हैं। हमने अपने वादे पूरे किए हैं। हम गारंटी योजनाएं जारी रखेंगे....
शिवकुमार ने कहा, हमने वोट के लिए गारंटी योजनाएं नहीं लाईं, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है, जो मूल्य वृद्धि से पीड़ित हैं। हमें विश्वास है कि लोग हमारे साथ सहयोग करेंगे।
सिद्धारमैया ने चालू वित्त वर्ष में अपनी सरकार की प्रमुख पांच गारंटी योजनाओं के लिए 52,009 करोड़ रुपये अलग रखे हैं।
ये पांच गारंटी योजनाएं हैं: सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता (गृह लक्ष्मी), बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को अतिरिक्त 5 किलो चावल के बदले नकद भुगतान (अन्न भाग्य), बेरोजगार स्नातक युवाओं को हर महीने 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि), और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (शक्ति)।