कांग्रेस मुक्त होने की ओर भारत: बीजेपी की आंधी में उड़ी कांग्रेस, अब सिर्फ तीन राज्यों में बची

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के आए रुझानों में बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद पार्टी खेमे में जश्न शुरू हो चुका है। पार्टी कार्यकर्ता कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक ढोल नगाड़ों के साथ जश्न मना रहे हैं। उधर, एग्जिट पोल में दावे किए गए त्रिशंकु विधानसभा के दावे गलत होते हुए दिख रहे हैं। रुझानों में भाजपा ने कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है। इसी वजह से पार्टी तिलमिला गई है और निराशा में ईवीएम-वीवीपैट पर सवाल उठा रही है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसे कर्नाटक में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत करार दिया है। रमन सिंह ने कहा- “कर्नाटक की सभी जनता का धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने हमें वोट किया है। अब देश में कांग्रेस खोजो अभियान चलेगा, कहां चलेगा पता नहीं।”

अगर रुझान नतीजों में बदलते हैं तो कांग्रेस सिर्फ तीन राज्यों (पंजाब, पुदुच्चेरी और मिजोरम) तक सिमटकर रह जाएगी। कर्नाटक में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस इस बार करीब आधी सीटों पर सिमटती दिख रही है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बेनर्जी ने कहा है कि यदि कांग्रेस कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर के साथ जाती तो नतीजे कुछ अलग होते। शाहनवाज हुसैन का कहना है कि जब तक भाजपा ओडिशा नहीं जीत लेती है तब तक पार्टी चैन से नहीं बैठने वाली है। कर्नाटक चुनाव के बाद जहां भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है वहीं कांग्रेस लगातार राज्यों को खोती जा रही है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 224 सीटों में 222 सीटों पर चुनाव मतदान हुए थे। आज 222 सीटों पर वोटों की गिनती की जा रही है।

निराशा में ईवीएम-वीवीपैट पर सवाल उठा रही है कांग्रेस

कांग्रेस के नेता मोहन प्रकाश ने ईवीएम को अपनी हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, मैं पहले दिन से यह बात कह रहा हूं। भारत में कोई ऐसी राजनीतिक पार्टी नहीं है जिसने ईवीएम पर सवाल ना उठाए हों। यहां तक कि भाजपा ने भी अतीत में ऐसा किया है। अब जहां सभी पार्टियां ईवीएम पर शक कर रही हैं तो ऐसे में भाजपा को बैलेट पेपर के जरिए चुनाव करवाने में आखिर क्या परेशानी है?

नई जेनरेशन ईवीएम की खास बातें

- चुनाव आयोग का कहना है कि इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता और न ही दोबारा लिखा जा सकता है।

- ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।

- नई ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ संभव नहीं है। अगर कोई मशीन या उसका एक स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो ये बंद हो जाएगी।

- नई ईवीएम मशीन में 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी रखी जा सकती है।

- विदेश में बने किसी भी ईवीएम का इस्तेमाल भारत के चुनावों में नहीं होता। ईवीएम स्वदेशी तकनीक से भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की दो कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बंगलूरु और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद में तैयार की जाती हैं।