विकास दुबे एनकाउंटर पर अखिलेश का तंज - 'ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई'

कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह यूपी एसटीएफ (UP STF) ने एनकाउंटर में मार गिराया है। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। विकास उसी गाड़ी में बैठा था। पुलिस के अनुसार इसी दौरान विकास ने पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और जवाबी फायरिंग में वो मारा गया। उधर विकास दुबे मामले में विपक्ष लगातार हमलावर है, इसी क्रम में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए तंज किया है। उन्होंने एक लाइन का ट्वीट किया है कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।

पूछा था आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी

बता दें कल ही अखिलेश ने यादव ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद तंज भरा ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, 'ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।'

दिग्विजय सिंह ने कहा - जिसका शक था वही हुआ

विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है, लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है? दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि मैं शिवराज जी से विकास दुबे की गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जांच की मांग करता हूं। इस कुख्यात गैंगस्टर के किस किस नेता व पुलिसकर्मियों से सम्पर्क हैं जांच होना चाहिए। विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि सारे राज़ सामने आ सकें।