नई दिल्ली। भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन में सामने आईं, जब ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि उद्धव ठाकरे विश्वासघात का शिकार हैं।
शंकराचार्य पर कटाक्ष करते हुए रनौत ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिंदे को देशद्रोही और विश्वासघाती कहकर सभी की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।
रनौत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, राजनीति में गठबंधन, संधि और पार्टी का विभाजन होना बहुत सामान्य और संवैधानिक है। कांग्रेस पार्टी 1907 में और फिर 1971 में विभाजित हुई थी। अगर कोई राजनेता राजनीति नहीं करेगा, तो क्या वह गोलगप्पे बेचेगा?
उन्होंने कहा, धर्म भी यही कहता है कि अगर राजा खुद अपनी प्रजा का शोषण करने लगे, तो राजद्रोह ही परम धर्म है। मंडी सांसद ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस तरह की क्षुद्र टिप्पणी करके हिंदू धर्म का अपमान किया है।
भाजपा नेता ने कहा, शंकराचार्य जी ने अपने शब्दों और अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया है... उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर देशद्रोही और विश्वासघाती होने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करके हम सभी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
इस सप्ताह की शुरुआत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिवसेना (यूबीटी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की और कहा कि वह विश्वासघात के शिकार हैं। हालांकि, अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के निमंत्रण को ठुकराने वाले शंकराचार्य ने कहा कि उनकी टिप्पणी राजनीतिक प्रकृति की नहीं थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है और कई लोग इससे दुखी हैं। मैंने आज उनके अनुरोध पर उनसे मुलाकात की और उनसे कहा कि जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, तब तक लोगों का दर्द कम नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा, जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात को सहन करता है, वह हिंदू है... महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से दुखी है और यह हाल के (लोकसभा) चुनावों में भी दिखाई दिया।
जून 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह और शिवसेना में फूट
पड़ने के बाद उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। वह भाजपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनाकर मुख्यमंत्री बने।