राजस्थान : जोधपुर में हुई मास्क ना पहनने पर जेल भेजने की तैयारी, 14 अक्टूबर तक की जाएगी समझाइश

कोरोना का कहर इस कदर बढ़ गया हैं कि इससे देश में होने वाली मौत का आंकड़ा 1 लाख को पार कर चुका हैं। अभी तक कोरोना की वैक्सी तैयार नहीं हो पाई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस समय मास्क ही कोरोना की संजीवनी हैं जिससे कोरोना फैलने की संभावना 95 प्रतिशत तक कम हाे जाती है। जोधपुर के हालात भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं जहां कोरोना से 380 जान जा चुकी हैं।

जोधपुर जिला प्रशासन अगले 12 दिन बिना मास्क दिखने वाले लाेगाें काे टोकेगा और मास्क पहनने की अपील करेगा। इसके बाद 14 अक्टूबर से 14 नंवबर तक बिना मास्क दिखने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमे के साथ कोर्ट में चालान पेश कर जेल भेजने जैसी सख्त कार्रवाई भी की जाएगी, क्योंकि अभी मास्क ही वैक्सीन है। इससे लोग सुरक्षित रहकर दिवाली मना सकेंगे, बाजार जा सकेंगे, रौनक बनी रहेगी। जिला प्रशासन ने त्योहार और बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर अगले डेढ़ माह के लिए रणनीति बनाई है। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस बार सुरक्षित दिवाली कोरोना को लेेकर मनानी है, क्योंकि अभी संक्रमण जोधपुर में पीक पर है।

ऐसे में मास्क ही संक्रमण के प्रसार पर प्रहार करने के लिए अब काम आएगा। इसके लिए शहर के प्रबुद्ध लोगों व अलग-अलग वर्ग से बात की गई है। बाजार में भीड़ तो होगी ही। व्यापारी भी काम कर सकें, इसकी भी व्यवस्था जरूरी है। ऐसे में नो मॉस्क-नो एंट्री और नो मास्क-नो सर्विस के फार्मूले पर सब मिलकर काम करेंगे तो कोरोना को थामने में सफल हो सकेंगे।

जोधपुर पहला शहर, जो बिना मास्क पर जेल भेजेगा

कलेक्टर ने बताया कि आपदा एक्ट में अभी बिना मास्क घूमने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। जिन लोगों को जुर्माने लगाने का अधिकार दिया है, वे कंपाउंड कर रहे हैं। 14 अक्टूबर तक लोगों को समझाइश देते हुए मास्क के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके बाद 14 नवंबर तक पूरा जोधपुर मास्क में दिखे, यह मॉडल बनकर दिखाना होगा।

इस दौरान जो लोग पालना नहीं करेंगे, उनके मामलों में कंपाउंड नहीं कर पुलिस के माध्यम से मुकदमा दर्ज करवा चालान पेश किए जाएंगे। एक्ट में भी प्रावधान है कि सक्षम अधिकारी को लगता है कि इस कारण आपदा बढ़ सकती है तो वह कंपाउंड की जगह गिरफ्तारी के लिए रिपोर्ट देगा। खासकर, आदतन मास्क की अवहेलना करने वालों पर तो ज्यादा सख्ती की जाएगी।

एक लाख खाने के पैकेट बांटने वाला शहर मास्क भी बांट सकता है। कोरोना के लंबे लॉकडाउन के दौरान जनसहयोग से शहर में करीब एक लाख खाने के पैकेट बांटे गए थे। यही शहर संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क भी बांट सकता है, मास्क नहीं पहनने वालों को टोक भी सकता है। लोगों से यही अपील की गई है कि वे बिना मास्क वाले लोगों को टोके। शहर में प्रदेश का पहला मास्क बैंक खोला गया है। चार-पांच और खोलेंगे। लोग आगे आ रहे हैं। एक भामाशाह ने तो 40 हजार मास्क दिए हैं। कई हजार मास्क सरकारी संस्थाओं के पास रखे हैं।