जोधपुर कोर्ट ने दिया झटका, आसाराम की पैरोल याचिका खारिज

यौन उत्पीड़न मामले में राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम की तरफ से जिला पैरोल कमेटी के समक्ष 20 दिन की पैरोल के लिए आवेदन किया था। जोधपुर जिला पैरोल कमेटी ने आसाराम बापू की पैरोल याचिका को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि आपको बता दें कि आसाराम को एससी एसटी कोर्ट के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की कोर्ट ने 25 अप्रैल 2018 को यौन उत्पीड़न के आरोप में दोषी मानते हुए आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में कैदी नंबर 130 के रूप में सजा काट रहा है। आसाराम लगभग पांच साल एक महीने से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है। जोधपुर पुलिस ने आसाराम को इंदौर आश्रम से 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार कर 1 सितम्बर 2013 को जोधपुर लाई थी।

चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य


साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था। आसाराम और चार अन्य सहआरोपियों के खिलाफ पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया था। पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी। फैसले के बाद पीड़िता के पिता ने कहा,‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमें खुशी है कि न्याय मिला।' उन्होंने कहा कि परिवार लगातार दहशत में जी रहा था और इसका उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ा। फैसले के मद्देनजर जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी जहां पहले से निषेधाज्ञा लागू थी।