इन 3 राज्यों में जल्द होने वाले है चुनाव, बढ़ने लगी चालान पर चुनावी चिंता

केंद्र सरकार का ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने वाला दांव उन राज्यों में डर पैदा कर रहा है जिनमें आगामी महीनों में चुनाव होने वाले हैं। दरहसल, एक सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद देशभर में जुर्माने की राशी 10 गुणा कर दी गई है, जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी है। देशभर में ताबड़तोड़ चालान काटे जा रहे हैं। एक मामले में तो जुर्माना एक लाख 41 हजार रुपये तक पहुंच गया। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड ऐसे ही राज्य हैं, जहां मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ सुर उठने लगे हैं। इन राज्यों की सरकारों का कहना है कि जुर्माने की राशि बहुत ज्यादा है और इसे कम किया जाना चाहिए। जिसके चलते महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने तो सीधे तौर पर जुर्माने की राशि को कम करने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को खत लिख दिया है। राज्य के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने खत में भारी जुर्माना राशि पर फिर से विचार करने को कहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि जुर्माना कम किया जाए। सरकार का कहना है कि जुर्माना जनता की जद से बाहर है। इतना जुर्माना लोग नहीं भर सकते।

वही झारखंड सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करने के संकेत दिए हैं। परिवहन मंत्री सीपी सिंह का मानना है कि जुर्माना बहुत ज्यादा है। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि केवल दो दिन इंतजार करें क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी यहां होंगे और एक दिन बाद खास सत्र बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन, पॉल्यूशन और अन्य नियम तोड़ने पर जुर्माना राशि की समीक्षा की जाएगी। जब परिवहन मंत्री से पूछा गया कि राज्य में चुनाव होने वाले हैं ऐसे में क्या रघुबर दास सरकार के लिए नया मोटर व्हीकल एक्ट परेशानी खड़ी कर सकता है? जवाब में उन्होंने कहा कि हम लोगों के हितों के लिए चिंतित हैं। जल्द ही जुर्माना राशि में नरमी की जाएगी।

हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इस मामले में नरम रुख दिखाया है। उन्होंने कहा कि 45 दिनों तक लोगों को ट्रैफिक के नए नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि अन्य प्रदेशों की तरह नए मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों को नरम किया जाएगा। इस पर उन्होंने कहा कि 70-80 फीसदी लोग बिना चालान के मानने वाले नहीं हैं। वे लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। लेकिन चुनावी साल में लोगों को नाराज करने का रिस्क खट्टर भी नहीं लेना चाहेंगे।

इन 2 राज्यों ने जुर्माने की राशी आधी की

मंगलवार को गुजरात (Gujarat) की BJP सरकार ने इस नए एक्ट में बदलाव करते हुए जुर्माने की राशी को आधी कर दी है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) ने बताया कि राज्य में बिना हेलमेट पर 1000 रुपये की जगह 500 रुपये का जुर्माना होगा। इसके अलावा अब कार में बिना सीट बेल्ट 1000 रुपये की बजाय 500 रुपये का जुर्माना होगा। गुजरात में बिना लाइसेंस, बीमा, पीयूसी के गाड़ी ड्राइव करने पर 1,500 रुपये का जुर्माना लगेगा। बाइक पर स्टंट करने वालों के लिए पहली बार पकड़े जाने पर 5,000 और दूसरी बार 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। नए वाहन नियमों के मुताबिक गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते हुए पकड़े जाने पर जहां 500 का चालान कटेगा वहीं, दूसरी बार ऐसा करने पर 1,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

वही उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने भी इसमें आंशिक बदलाव किए है। राज्य सरकार ने केंद्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट के कुछ नियमों की जुर्माना राशि में करीब 50% तक की कटौती की है। वहीं कुछ नियमों में जुर्माना राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हेलमेट न पहनना, बाइक पर ट्रिपलिंग करना और गाड़ी पर फिल्म चढ़ाना, इन सभी अपराधों के लिए जुर्माने में संशोधन नहीं किया गया है। वहीं बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर जुर्माने की राशि 5000 की जगह राशि घटाकर 2500 रुपये कर दी गई है। लाइसेंस रद्द होने पर गाड़ी चलाने पर दोषी व्यक्ति को अब 5000 रुपये जुर्माना देगा होगा। नए एक्ट के अनुसार ये राशी 10,000 है। वही निर्माता आयतकर्ता और डीलर की ओर से अनाधिकृत वाहनों को बेचने या बेचने पर रखने पर केंद्र सरकार ने 1,00,000 रुपये लगाया है लेकिन राज्य सरकार ने इसे कम कर दिया है। इसके लिए अब केवल 50,000 रुपये जुर्माना देना होगा।

राज्यों के रुख से यह तो साफ है कि चुनावी साल में जनता पर भारी जुर्माने का बोझ वह कतई लादना नहीं चाहेंगे क्योंकि नाराज जनता सरकारों के लिए ही राज्यों में सत्ता का दरवाजा बंद भी कर सकती है।