जयललिता की मौत में चौंकाने वाला खुलासा, अपोलो हॉस्पिटल ने कहा- पुलिस ने ही बंद कराया था हॉस्पिटल का सीसीटीवी कैमरे

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के मामले में अपोलो हॉस्पिटल के मैनेजमेंट ने चौकाने वाला खुलासा किया है। जयललिता की मौत की जांच कर रहे अरुमुगास्वामी जांच आयोग को अस्पताल ने बताया कि 'पुलिस के निर्देश पर ही हॉस्पिटल के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री की आवाजाही के दौरान गलियारे का सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिया गया था'।

अपोलो हॉस्पिटल ने बताया कि जयललिता को जब भी कमरे से बाहर लाया जाता था तब गलियारे के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उसने ऐसा पुलिस प्रशासन के कहने पर किया। अस्पताल का पक्ष रखने वाली वकील मैमूना बादशा ने शुक्रवार को सौंपे हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर गलियारें और प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था। अस्पताल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के संबंध में आयोग के दो सवालों के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल के भीतर डायग्नोस्टिक परीक्षण जैसे स्कैन के लिए दिवंगत मुख्यमंत्री को जब भी कमरे से बाहर ले जाया गया, उस समय उस रास्ते के कैमरा को स्विच ऑफ कर दिया गया था’’। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (खुफिया) के एन सत्यमूर्ति सहित पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर ऐसा किया गया था। जयललिता की मृत्यु पांच दिसंबर 2016 को हुई थी।

वो अस्पताल में करीब 75 दिन भर्ती रहीं। इलाज पर सवाल उठाने के बाद राज्य सरकार ने सितंबर 2017 में एक जांच आयोग का गठन किया। जांय आयोग को ये पता लगाना है कि जयललिता को किन परिस्थितियों में अस्पताल में भर्ती किया गया और उनकी मौत तक यहां क्या इलाज चला।