नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा। अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए सोमवार को कहा कि 30 सितंबर 2024 तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। SC ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया। वहीं, दूसरी ओर J&K के कई बड़े नेताओं ने दावा किया कि कोर्ट के फैसले से पहले उन्हें नजरबंद किया गया था।
आर्टिकल 370 पर SC के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला का कहना है, ”मैं आप सभी से ऐसे बात कर रहा हूं क्योंकि मेरे घर पर ताला लगा दिया गया है और मुझे किसी से मिलने की इजाजत नहीं है। मैं मीडिया को आज सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ हुआ उस पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहता था लेकिन मीडिया को मेरे घर आने की अनुमति नहीं है और मुझे यहां से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।”
हम फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे- उमर अब्दुल्लासुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था क्योंकि हमें न्याय की उम्मीद थी। हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। हमारी कोशिशें यहीं ख़त्म नहीं होंगी। हम फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे? हम कानूनी परामर्श के बाद इस पर फैसला करेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर SC के फैसले से निराश हैं लेकिन हतोत्साहित नहीं। अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि संघर्ष जारी रहेगा। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने में दशकों लगे और वे भी लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।
LG मनोज सिन्हा ने नजरबंद के दावों को बताया निराधारवहीं, कोर्ट के सोमवार को अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुनाने के मद्देनजर अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील हिस्सों खासकर ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के नेताओं ने दावा किया कि महबूबा को घर में नजरबंद कर दिया गया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित प्रमुख नेताओं के ‘गुपकर रोड’ स्थित आवास पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं।
महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें श्रीनगर के बाहरी इलाके में उनके खिंबर आवास पर नजरबंद कर दिया गया है और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। हालांकि, नजरबंद किए जाने की खबरों पर जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, “यह पूरी तरह से निराधार है। न तो किसी को नजरबंद किया गया है और न ही किसी को गिरफ्तार किया गया है।”
आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसलाउच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के पांच अगस्त 2019 के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।