पुलवामा हमलाः आदिल अहमद डार ही था वह आतंकी, जिसने इस खूनी खेल को अंजाम दिया, एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में हुआ था शामिल

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुलवामा (Pulwama Terrorist Attack) में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले में अब तक सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस खूनी खेल को अंजाम देने वाला पुलवामा का ही आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) था। जिस कार ने सीआरपीएफ जवानों के बस में टक्कर मार आतंकी हमले को अंजाम दिया, उस कार को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) का आतंकवादी आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) चला रहा था। आतंकी आदिल अहमद डार (Adil Ahmad Dar) घाटी का ही रहने वाला था। डार एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था। आतंकी आदिल अहमद, जिसे 'आदिल अहमद गाड़ी टकराने वाला' और 'गुंडिबाग के वकास कमांडो' के रूप में भी जाना जाता है, वह पिछले साल ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद(Jaish-e-Mohammed) में शामिल हुआ था। आदिल काकापोरा का रहने वाला था। पुलिस का कहना है कि आतंकी आदिल (Adil Ahmad Dar) जो कार चला रहा था, उसमें 350 किलो विस्फोटक थे। इसी कार ने जाकर सीआरपीएफ के बस में टक्कर मारी।

पुलवामा हमले के कुछ मिनट बाद ही मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर एक युवक की तस्वीर और दो वीडियो सर्कुलेट होने लगे। इन दोनों वीडियो में इस युवक ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इनमें से एक वीडियो कश्मीरी और दूसरा उर्दू में था। इस वीडियो में आदिल के 'शहादत' का संदेश था। ऐसा लगता है कि ये दोनों वीडियो हमले से पहले जैश-ए-मोहम्मद ने रिकॉर्ड किए थे।

इस वीडियो में खुद को जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी होने का दावा करने वाले युवक ने खुद की पहचान पुलवामा के काकापोरा इलाके के गांदीबाघ के आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडर के रूप में की। पुलिस सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सीआरपीएफ की बस से विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो टकराने वाला संदिग्ध आत्मघाती हमलावर आदिल ही था।

पुलिस के सूत्रों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि आदिल एक साल पहले जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ। अपने इस वीडियो में आदिल ने कहा है कि यह उसका अंतिम संदेश है। उसने अपने दोस्तों को दहशतगर्दी के रास्ते पर चलने का भी आह्वान किया है।

पुलवामा आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा है कि पुलवामा में सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला कायरता है। मैं इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। वहीं राहुल गांधी ने भी इस पर दुख जताया है।

हमसे गलती हुई, पुलवामा आतंकी हमला खुफिया विफलता का परिणाम

सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satya Pal Malik) ने माना है कि पुलवामा आतंकी हमला (Pulwama Terrorist Attack) आंशिक रूप से खुफिया विफलता का परिणाम है, खासकर इस तथ्य के कारण कि सुरक्षा बल विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो और मूवमेंट का पता नहीं लगा सके। 'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए मलिक ने कहा, 'हम इसे (खुफिया विफलता) स्वीकार नहीं कर सकते। हम हाईवे पर चलते हुए विस्फोटकों से भरे वाहन का पता नहीं लगा पाए या उसकी जांच नहीं कर पाए। हमें स्वीकार करना चाहिए कि हमसे गलती हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि जब सुरक्षा बल स्थानीय आतंकवादियों को खत्म कर रहे थे, जिसमें जैश के लोग भी शामिल थे - उनमें से किसी के बारे में कोई चेतावनी या खुफिया इनपुट नहीं था कि उन्हें 'आत्मघाती हमलावर' बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता था कि उनके बीच एक फिदायीन था, यह भी खुफिया विफलता का हिस्सा है। मैं यह स्वीकार कर सकता हूं। यह आदमी (आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार) हमारे संदिग्धों की सूची में था। कोई भी उन्हें अपने घरों में आश्रय नहीं दे रहा था। इसलिए वह जंगलों या पहाड़ियों की ओर भाग गया और लुप्त हो गया। हम उसके बारे में जानते थे लेकिन उसका पता नहीं लगा सके। यह सिर्फ एक मौका था और वह दुर्लभ व्यक्ति था जो भाग गया। बाकी लोग मारे जा रहे हैं।'