370 का समर्थन करने वाले कांग्रेसियों पर भड़के गुलाम नबी आजाद, कहा - उन लोगों से मुझे कोई लेना-देना नहीं, वीडियो

अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले का कांग्रेस ने दोनों सदनों में इसका विरोध किया। कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया। दरहसल, सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस दो खेमों में बटी हुई नजर आ रही है। एक ओर राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद ने इसका विरोध किया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा और कांग्रेस विधायक अदिति सिंह समेत कई नेता फैसले के साथ हैं। कांग्रेस नेताओं के इस बागी तेवर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद नाराज हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास नहीं पता है, उन लोगों से मुझे कोई लेना-देना नहीं है। वो पहले कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़े, फिर कांग्रेस में रहे।

कश्मीर से अचानक अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लेकर मोदी सरकार ने कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी है। भले ही कांग्रेस ने संसद में मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया हो लेकिन पार्टी के भीतर इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई है। पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में यह मीटिंग पूरी कराई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सदस्यों को अभी मीटिंग की टाइमिंग नहीं बताई गई है।

पार्टी के सदस्यों से कहा गया है कि संसदीय कार्रवाही खत्म होने के बाद किसी भी समय पार्टी की बैठक बुलाई जा सकती है। कांग्रेस के भीतर ही अनुच्छेद 370 को लेकर मतभेद है। मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसियों ने अनुच्छेद 370 में बदलाव का समर्थन किया है।

कांग्रेस ने दोनों सदनों में किया है विरोध

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा और फिर मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को पेश किया था। सोमवार को जब राज्यसभा में ये बिल आया तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया। कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया था।

अनुच्छेद 370 को हटाने का किया समर्थन

रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक एतिहासिक फैसला है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर के लोग मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे। एक विधायक की हैसियत से मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं।

वहीं जनार्दन द्विवेदी ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया। जनार्दन द्विवेदी ने कहा, मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे। आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है, भले ही देर से।

द्विवेदी ने यह साफ किया कि वह पार्टी की ओर से नहीं बोल रहे हैं, बल्कि यह उनकी निजी राय है। हालांकि द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित विधेयक के बारे कोई संदेह नहीं है कि यह लोकसभा में पारित हो जाएगा।

वहीं, कांग्रेस सांसद मिलिंद देवड़ा ने भी अपने बयान से कांग्रेस में चल रही ऊहापोह की स्थिति को सामने ला दिया। मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए।