अधीर रंजन के सवाल पर भड़के अमित शाह बोले - पूरा कश्मीर हमारा, जान दे देंगे इसके लिए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने का लोकसभा में संकल्प पेश किया। जिसपर तीखी बहस जारी है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए रातोंरात एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। दरहसल, कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनुच्छेद 370 पर सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने रातो-रात नियम कायदों को ताक पर रखकर जम्मू कश्मीर के टुकड़े कर दिए और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। यह सुनते ही अमित शाह ने कहा कि सरकार ने कौन सा नियम तोड़ा है अधीर रंजन ये बताएं, सरकार उसका जवाब देगी। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता को जनरल स्टेटमेंट नहीं देना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है। जब भी मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन भी इसके अंदर आता है। क्या कांग्रेस पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। हम इसके लिए जान दे देंगे। बता दे, इस समय श्रीनगर में धारा 144 लागू है। जरूरी काम के लिए लोग बाहर निकल रहे हैं और क्षेत्र में शांति के साथ सामान्य स्थिति बनी हुई है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है। वही इस बात पर गृह मंत्री ने कहा, 'आप ये स्पष्ट कर दें कि ये कांग्रेस का स्टैंड है कि संयुक्त राष्ट्र कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है।' अमित शाह ने बार बार कहा कि आप ये स्पष्ट कर दें कि कश्मीर को UN मॉनिटर कर सकता है, आपने अभी कहा है।

अमित शाह के इस बयान के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गृह मंत्री से उन्होंने सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा है और कुछ नहीं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भारत के एक प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर शिमला समझौता किया, दूसरे प्रधानमंत्री लाहौर यात्रा की तो फिर इसे अंदरूनी मामला कैसे माना जाएगा। संसद में इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ।

बता दे, संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन में प्रधानमंत्री कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी समेत कई मंत्री मौजूद रहे। माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई।

वही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य के हालातों का जायजा लेने के लिए सोमवार रात को ही कश्मीर पहुंच चुके हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां किसी तरह का कोई प्रदर्शन न हो और दिक्कतें न आए इसके लिए सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। नए कानून के तहत अब दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर की पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करेगी। घाटी में काफी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं जिन्हें अगले आदेश तक वहीं रहने का आदेश दिया गया है।