पिछले 5 सालों में बदला जम्मू कश्मीर, आतंकवाद का ग्राफ जिसने बदनाम किया, शून्य पर: डीजीपी दिलबाग सिंह

पुलवामा। जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ सालों से हालात लगातार बदल रहे है। घाटी में पिछले पांच साल में आतंकवाद का ग्राफ शून्य पर आ रहा है। सिलिसलेवार हड़ताल और बंद पूरी तरह बंद हो चुके हैं। आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के पथ पर अग्रसर है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह बदल गई है। बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था के संकट की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। शून्य कानून व्यवस्था की घटनाएं और शून्य नागरिक हताहत हुए हैं जबकि आतंकवाद का ग्राफ भी शून्य पर आ रहा है।

डीजीपी ने पेश किया पांच साल का रिपोर्ट-कार्ड


जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने पुलवामा जिले के सीटीसी लेथपोरा, पंपोर में 307 अधिकारियों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए इस आशय का दावा किया। उन्होंने कहा कि ‘जीरो’ शब्द पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर में सबसे लोकप्रिय है। जम्मू-कश्मीर के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड से पता चलता है कि शून्य कानून और व्यवस्था की घटना और शून्य नागरिक हताहत हुआ है। आतंकवाद का ग्राफ जिसने जम्मू-कश्मीर को बदनाम किया, वह भी शून्य पर आ रहा है।

36 थानों ने 100 प्रतिशत आतंक मुक्त रिकॉर्ड

डीजीपी ने कहा कि इस साल 43 थानों को नवीनतम हथियारों और आतंकवाद विरोधी टीमों से लैस करने के लिए ऑपरेशन कैपेसिटी बिल्डिंग शुरू की गई है। पहले चरण में, हमने 21 थानों को कवर किया और आज, शेष 22 पुलिस स्टेशनों के लिए टीमें लॉन्च की गई हैं। इन थानों को जीरो टेरर प्लान के तहत कवर किया जा रहा है। अनंतनाग जिले में तीन आतंकी घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 36 थानों ने 100 प्रतिशत आतंक मुक्त रिकॉर्ड दिखाया।

आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए मजबूत दस्ता


दिलबाग सिंह ने कहा कि ओपी क्षमता निर्माण के तहत आने वाले थानों में आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए ड्रोन की उपलब्धता, नवीनतम हथियार और प्रत्येक में 14 सदस्यीय दस्ता होगा। इन नई टीमों की मदद से क्षेत्र का वर्चस्व और मजबूत होगा। पुलिस प्रमुख ने कहा कि कुपवाड़ा के माछिल में पांच आतंकवादियों के मारे जाने का मतलब है कि दुश्मन जम्मू-कश्मीर में शांति को बाधित करना जारी रखे हुए हैं।

एलओसी पर सभी कोशिशों को किया नाकाम


उन्होंने कहा कि हमारा बॉर्डर ग्रिड बहुत मजबूत है और हम सुनिश्चित करेंगे कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया जाए। डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने जो भी उपलब्धियां हासिल की हैं, वह जनता के सहयोग के बिना असंभव थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस लोगों की पुलिस है, जो युवाओं, लोगों और बच्चों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है जो बेहतर भविष्य के लिए स्कूल के लिए अपना घर छोड़ते हैं। हम लोगों से बेहतर कल के लिए पुलिस को अपना समर्थन जारी रखने का आग्रह करते हैं।