जयपुर। जयपुर में शुक्रवार सुबह एक भीषण एक्सीडेंट से डेढ़ किलोमीटर का इलाका थर्रा उठा। जयपुर-अजमेर हाईवे पर एक ट्रक से टकराने के बाद एलपीजी से भरे टैंकर से 18 टन गैस ने आग पकड़ ली और इतनी जोर से धमाका हुआ कि 400 मीटर का एरिया आग का गोला बन गया। राजधानी जयपुर में आज तड़के अजमेर रोड पर हुए एलपीजी गैस से भरे टैंकर में हुए भीषण ब्लास्ट के बाद कई वाहनों में लगी आग में 11 लोगों के जिंदा जल जाने से दर्दनाक मौत हो चुकी है। गंभीर रूप से झुलसे 13 घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है। हादसे में कुल 45 लोग हताहत हुए हैं। उनका एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है।
हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1लाख रुपये मुआवजा राशि दिए जाने का ऐलान किया है। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है।
सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। टैंकर, जो अजमेर से जयपुर की ओर बढ़ रहा था, सुबह के लगभग 5:44 बजे यू-टर्न ले रहा था, तभी एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टैंकर के नोजल टूट गए, और 18 टन एलपीजी गैस चारों ओर फैल गई। इसके कुछ ही पलों में आग ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। वहां मौजूद हर चीज—गाड़ियां, फैक्ट्री, स्लीपर बस—सब जलकर राख हो गए। देखते ही देखते आग करीब एक किलोमीटर इलाके तक पहुंच गई।
इन लपटों ने स्लीपर कोच बस में सो रहे उन लोगों का सब कुछ छीन लिया जो अपने परिवार के पास पहुँचने का सपना देख रहे थे। इन लपटों ने उन लोगों के सपने, उनकी जिन्दगी और उनकी उपस्थिति सब कुछ छीन लिया। इस हादसे ने न केवल हाईवे को आग की चपेट में लिया, बल्कि उन परिवारों को भी जो अपनों के लौटने की राह देख रहे थे।
घटनास्थल पर पहुंची भारत पेट्रोलियम की टीम ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आग ने इतना विकराल रूप इसलिए लिया क्योंकि पांच नोजल टूटने के कारण गैस बड़े क्षेत्र में फैल गई थी। धमाका इतना जोरदार था कि मानो धरती कांप उठी हो। बचाव दल के लिए भी इस आग से जूझना किसी जंग से कम नहीं था। गैस फैलने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में असंख्य दिक्कतें आईं।