
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजीव गांधी विदेश शिक्षा छात्रवृत्ति योजना को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने राज्य सरकार से शपथ पत्र के जरिए यह जानकारी मांगी है कि योजना के आरंभ से अब तक किन-किन छात्रों को कितनी राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई, और उनकी आर्थिक स्थिति क्या थी।
यह आदेश जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने कुमारी मनजीत देवड़ा की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
योजना की पृष्ठभूमि और याचिका का विषययाचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने अदालत को बताया कि राजस्थान सरकार ने राजीव गांधी विदेश शिक्षा योजना की शुरुआत प्रदेश के मेधावी और जरूरतमंद विद्यार्थियों को विदेश में उच्च अध्ययन के लिए आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से की थी।
सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता सभी मापदंडों को पूरा करती हैं, और उनका चयन योजना के तहत हो चुका है। वह पिछले डेढ़ साल से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई छात्रवृत्ति नहीं मिली है।
छात्रवृत्ति नहीं मिलने से संकटयाचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि अगर समय रहते छात्रवृत्ति नहीं मिली तो
• विश्वविद्यालय में उनका प्रवेश रद्द हो सकता है,
• और उनका वीज़ा भी समाप्त हो सकता है।
इस पर अदालत ने इस योजना की पूर्ण जानकारी राज्य सरकार से मांगी है।
भारत सरकार भी बनी पक्षकारपिछली सुनवाई में अदालत ने भारत सरकार को भी मामले में पक्षकार बनाने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के तहत केंद्र सरकार की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी अदालत में उपस्थित हुए।