पिंकसिटी की ये 7 जगहें दर्शाती हैं भारतीय संस्कृति और धरोहर की झलक, लें यहां की सैर का मजा

राजस्थान की राजधानी जयपुर को पिंकसिटी के नाम से जाना जाता हैं। सर्दियों के आने वाले मौसम को यहां के पर्यटन के लिहाज से सबसे उचित समय माना गया हैं। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक जयपुर आते हैं और सैर-सपाटे का आनंद उठाते हैं। जयपुर में पर्यटकों को भारतीय संस्कृति और धरोहर की झलक देखने को मिलती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको जयपुर की कुछ प्रसिद्द जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक बार घूमने जरूर जाना चाहिए। ये जगहें अपनी खूबसूरती और इतिहास के चलते सभी को आकर्षित करती हैं। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में।

नाहरगढ़ किला

जयपुर शहर का मशहूर किला जो लोगों के बीच पिकनिक स्पॉट के तौर पर लोकप्रिय है। यहाँ से आप जयपुर और आमेर शहर का नज़ारा देख पाएंगे पर इसकी खूबसूरती रात में बेहद निखर के आती है। यहाँ का सिर्फ नज़ारा ही खूबसूरत नहीं है बल्कि किले में मौजूदा रेस्टोरेंट भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। वैक्स म्यूज़ियम भी यहाँ का देखने लायक जगह का हिस्सा है।

सिटी पैलेस

सिटी पैलेस, हवा महल से काफी नजदीक है। यहाँ आपको राजपूत और मुगल शैली की अधभुत वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है। इस महल का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने मुख्यत: विशेष अतिथियों के स्वागत सत्कार के लिए करवाया था। अब इसे एक संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है जहां हाथी दांत तलवारें, चेन हथियार, बंदुक, पिस्‍टल, तोपें, प्‍वाइजन टिप वाले ब्‍लेड और गन पाउडर के पाउच भी प्रर्दशन के लिए रखे जाते हैं।

आमेर किला

शहर से करीब 11 किमी दूर स्थित आमेर किला या अम्बर किला जयपुर का एक प्रमुख आकर्षण है। यह लाल बलुआ पत्थर व संगमरमर से बना है और इसमें चार मंजिल व आंगन हैं। इस किले में दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल (दर्पण महल), जय मंदिर व सुख निवास जैसी कई देखने वाली जगह हैं। यहाँ एक सुरंग भी है जो पास स्थित जयगढ़ किले में खुलती है। इस किले की खासियत है यहाँ स्थित दुनिया की सबसे बड़ी पहिये वाली तोप, जिसे “जैवन तोप” के नाम से जाना जाता है। 10 मीटर व्यास व 20 फीट के बैरल वाली इस तोप का वजन लगभग 50 टन है। इसे अजय किला भी कहा जाता है क्योंकि कोई भी राजा इस किले को फतह नहीं कर पाया था।

बिरला मंदिर

ये सबसे मशहूर जयपुर के दर्शनीय स्थल में से है। और हो भी क्यों ना? यह लक्ष्मीनारायण के मंदिर सफ़ेद संगमरमर से बना है। कई लोग देश के अलग-अलग कोने से इसके दर्शन करने आते हैं। इसकी शोभायमान वास्तुकला व मंदिर में रखी लक्ष्मीनारायण की मूर्ती बेहद आकर्षक है। इसकी अंदरूनी दीवार हिन्दू धर्म के दृश्यों को दर्शाती है।

हवा महल

बिना किसी नींव के और 950 से ज्यादा विभिन्न आकार के झरोखों वाला हवा महल जयपुर की पहचान है। कहा जाता है कि पर्दा प्रथा के कारण शाही राजपूत महिलाएं बाहर की दुनिया से अंजान सी रहती थीं। इसलिए सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने इस महल का निर्माण करवाया ताकि शाही महिलाएं पर्दे में रह कर भी बाहरी दुनिया का अवलोकन कर सकें।

जल महल

पानी के बीचोंबीच स्थित जल महल, आमेर जाते समय रास्ते में पड़ता है। प्राचीन समय में यह महल महाराजाओं का समर रिजॉर्ट हुआ करता था, जहां वे अच्छा समय बिताने के लिए आते थे। यदि आपको फोटोग्राफी का शौक है और आपको पक्षियों से लगाव है तो यह जगह आपके लिए सबसे उत्तम है। आने का समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक होता है व यहाँ प्रवेश बिलकुल मुफ्त है।

अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम

वेल्स के राजकुमार, अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर बना यह संग्रहालय बहुत-सी अद्भुत चीज़ों का केंद्र है। यहाँ आपको भारत के अलग-अलग भागों की चित्र कला देखने को मिलेगी। यह भारत की कला और संस्कृति के बारे में जानने का सबसे प्राचीन स्थान है और इसलिए इसका अलग महत्व है। यहाँ मिस्र की ममी भी है जो कुछ वक्त से लोगों के बीच काफी चर्चा में है। ये सबसे सुन्दर जयपुर के दर्शनीय स्थल में से है।