जयपुर: हंगामे के भेंट चढ़ी ग्रेटर नगर निगम की 7वीं बोर्ड बैठक, दो प्रस्ताव हुए पास

जयपुर। ग्रेटर नगर निगम की 7वीं बोर्ड बैठक के शुरुआती 3 घंटे हंगामे की भेंट चढ़ गए। यही कारण रहा कि 9 बजे तक चली साधारण सभा की बैठक में सिर्फ दो ही प्रस्ताव पास हो पाए। साधारण सभा को मंगलवार दोपहर 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब बोर्ड बैठक के बचे हुए 21 प्रस्तावों पर आज चर्चा होगी।

मिठाई के डिब्बे में कचरा

दिवंगत हस्तियों के लिए 2 मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद सदन को जब स्थगित किया गया तो कांग्रेस पार्षद करण शर्मा मिठाई के डिब्बे में कचरा लेकर पहुंचे और महापौर को देने का प्रयास किया। वहीं, कांग्रेस के पार्षद दोनों निगम को एक किए जाने के विरोध में काली पट्टी बांध पोस्टर लहराए। महापौर को अपने ही राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। बीजेपी पार्षद रामस्वरूप मीणा ने सड़क सीमा में पट्टा जारी करने का मामला सदन में उठाया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग को लेकर वे महापौर की कुर्सी के आगे दंडवत हो गए। वहीं, अस्थाई अकुशल श्रमिकों को भुगतान न होने का मामला भी सदन में उठा। हंगामे और धक्का-मुक्की के बीच कभी नोटिंग अधिकारियों की कुर्सियां गिरी, तो कभी उनके डाइज पर पार्षद खड़े होकर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। इस दौरान सदन में जय श्री राम और मोदी-मोदी के नारे भी लगे। वहीं, इस दौरान कांग्रेस पार्षद सन्नू चौधरी की चूड़ियां भी टूट गई। इस पर उन्होंने बीजेपी पार्षदों पर उनके साथ अभद्रता करने का आरोप भी लगाया।


मिठाई के डिब्बे में कचरा

दिवंगत हस्तियों के लिए 2 मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद सदन को जब स्थगित किया गया तो कांग्रेस पार्षद करण शर्मा मिठाई के डिब्बे में कचरा लेकर पहुंचे और महापौर को देने का प्रयास किया। वहीं, कांग्रेस के पार्षद दोनों निगम को एक किए जाने के विरोध में काली पट्टी बांध पोस्टर लहराए। महापौर को अपने ही राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। बीजेपी पार्षद रामस्वरूप मीणा ने सड़क सीमा में पट्टा जारी करने का मामला सदन में उठाया और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग को लेकर वे महापौर की कुर्सी के आगे दंडवत हो गए। वहीं, अस्थाई अकुशल श्रमिकों को भुगतान न होने का मामला भी सदन में उठा। हंगामे और धक्का-मुक्की के बीच कभी नोटिंग अधिकारियों की कुर्सियां गिरी, तो कभी उनके डाइज पर पार्षद खड़े होकर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। इस दौरान सदन में जय श्री राम और मोदी-मोदी के नारे भी लगे। वहीं, इस दौरान कांग्रेस पार्षद सन्नू चौधरी की चूड़ियां भी टूट गई। इस पर उन्होंने बीजेपी पार्षदों पर उनके साथ अभद्रता करने का आरोप भी लगाया।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर


शोर शराबे और हंगामे के कारण सोमवार को हुई बोर्ड बैठक को तीन बार स्थगित किया गया। शुरुआती घंटों में बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद कई बार आमने-सामने हुए। विवाद को देखते हुए महापौर सौम्या गुर्जर ने बैठक को तीन बार स्थगित किया। यही वजह रही कि दोपहर 1:36 बजे शुरू हुई बैठक रात 9 बजे तक चली। इस दौरान आरएएस क्लब की तर्ज पर देश का पहला अर्बन लोकल बॉडी (यूएलबी) क्लब का निर्माण, रामनिवास बाग में स्पोर्ट्स एकेडमी विकसित करने, बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क विकसित करने, 60 प्लस के लिए अटल स्मृति उद्यान को विकसित करने के प्रस्तावों पर मुहर लगी।

ये प्रस्ताव पारित

साथ ही शहर के विभिन्न कोनों में महापुरुषों की मूर्तियां लगाने का प्रस्ताव संभागीय आयुक्त को भेजे जाने, निगम के जन प्रतिनिधियों को आरजीएच में शामिल करने और आवासन मंडल की ओर से विकसित की गई मानसरोवर आवासीय योजना निगम को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ। हालांकि, बोर्ड के बचे हुए कार्यकाल में इनका धरातल पर उतरने पर प्रश्न चिह्न ही है।

ग्रेटर निगम का ये आखिरी बोर्ड है

बैठक में उप महापौर पुनीत कर्णावट ने बोर्ड की बीती छह बैठकों में जनहित के ऐसे मुद्दे जो अब तक धरातल पर नहीं उतर पाए, उन्हें गिनाते हुए अपनी बात रखी। इनमें निगम मुख्यालय में भूमिगत पार्किंग, सामुदायिक केंद्रों को आधुनिक बनाने से लेकर खेल अकादमी विकसित करने और चौराहे-डिवाइडर्स को जन सहभागिता से विकसित करने पर चर्चा हुई थी, लेकिन ये काम अभी भी फाइलों में ही दबे हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया आखिर क्यों इन कामों को धरातल पर नहीं उतारा जा रहा। साथ ही कुछ पार्षदों की ओर से कार्यकारी समितियों में समिति अध्यक्ष के बदलाव को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर भी उन्होंने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि ग्रेटर निगम का ये आखिरी बोर्ड है। फिर चाहे किसी को अच्छा लगे या बुरा, लेकिन जयपुर की आत्मा एक है इसलिए एक जयपुर के बारे में सोचने वाले प्रतिनिधि अगली बार यहां बैठेंगे। उन्होंने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों ने अपनी एजेंडे सेट कर रखे हैं। वो नहीं चाहते कि निगम के कामों में पारदर्शिता आए।

कांग्रेस ने लगाया बाबा साहेब के अपमान का आरोप

वहीं, कांग्रेस से पार्षद राजुला चौधरी ने पिछले 4 साल के कामों को 8 महीने में कैसे पूरा करने का सवाल उठाया। इस पर महापौर ने कहा कि जो काम आजादी के 75 साल में नहीं हुए, वो काम अब हो रहे हैं। इसके बाद सदन में राजुला चौधरी ने बीजेपी पर संविधान और बाबा साहेब का अपमान करने का आरोप लगाया, जिसका जवाब देते हुए उपमहापौर ने देश में आपातकाल लगाने, बाबा साहेब को दरकिनार करने, उन्हें भारत रत्न नहीं देने का तंज कसते हुए कांग्रेस को संविधान की बात नहीं करने की नसीहत दी। वहीं, सदन में पहुंची सांसद मंजू शर्मा ने कहा कि आगे निगम एक होने वाला है, जो समय बचा है, उमसें कीर्तिमान स्थापित करें ताकि वार्ड की जनता अपने पार्षद को याद रखें।

ये बोलीं महापौर सौम्या गुर्जर


बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुई महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि शुरुआत के 3 घंटे जो हंगामा हुआ, वो मीडिया के कैमरे की वजह से हुआ। जनप्रतिनिधियों को लगता है कि यदि वो ऐसा करेंगे तो उनकी फोटो आएगी और न्यूज़ चलेगी, लेकिन बोर्ड बैठक में अनुशासन की पालना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पास हुए दो प्रस्ताव में लगभग 100 प्रस्ताव शामिल हैं। जमीन से जुड़े हुए जो अन्य प्रस्ताव हैं, उन पर मंगलवार को चर्चा की जाएगी। वहीं, पार्षद शेर सिंह धाकड़ और बाबूलाल शर्मा ने समितियों के समिति अध्यक्ष बदलाव किए जाने का प्रस्ताव भी रखे। इसे लेकर महापौर ने कहा कि इस पर अभी चर्चा होना बाकी है। इस प्रस्ताव पर बोर्ड के सदस्यों का जो निर्णय होगा, वही सर्वमान्य होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बोर्ड की ओर से जिस धारा के तहत ये एजेंडे लाए गए, उस पर विधिक राय ली गई और महापौर चाह कर भी इन्हें प्रत्याहारित नहीं कर सकती थी। ऐसे में ये तय आना जा रहा है कि मंगलवार को जब इस पर मंथन होगा तो सदन में महापौर को अपने ही पार्षदों का विरोध झेलना पड़ सकता है।