मुनि तरुण सागर जी महाराज ने रिश्वत को लेकर बोली थी ये बात, आइये जानें

दिगंबर समाज को मानने वाले 'मुनि तरुण सागर जी महाराज' की तबियत को लेकर कहा जा रहा है कि उनकी तबियत में कोई सुधार नहीं आया हैं और उन्होंने अन्न-जल का त्याग भी कर दिया हैं। अपने कडवे वचन की वजह से माने जाने वाले मुनि तरुण सागर जी महाराज अपने विचारों को सभी के सामने बड़े खुलकर रखते हैं। आज हम आपको इनके रिश्वत को लेकर जो विचार हैं उनके बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं क्या कहा था मुनि तरुण सागर जी महाराज ने रिश्वत को लेकर।

देश का हर नागरिक ये संकल्प करें कि न रिश्वत लेंगे और न देंगे। अगर 10 करोड़ लोग ऐसा संकल्प लेवे तो देश में से 90 प्रतिशत भष्ट्राचार स्वत: ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य शिक्षा के बिना मनुष्य नहीं बन सकता है, इसलिए जीवन में शिक्षा को ग्रहण करके ही समाज में धर्म के प्रति जागृति लाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता कोई उपहार नहीं जो मिल जाए। सफलता हासिल करने के लिए परिश्रम करना होगा तब सफलता मिलेगी। परिश्रम करने से चाय वाला देश के प्रधानमंत्री बन गया और झाडू वाला दिल्ली का मुख्यमंत्री बन गया। इसलिए 10 वी एवं 12 वी में दो साल सोइए मत, अगर इन दो सालों में सोए नहीं तो जिंदगी में सफलता मिलेगी।