आतंकवाद की परिभाषा को लेकर सहमति ना बन पाना दुखद, शांति के बिना भविष्य की बात करना असंभव- PM मोदी

नई दिल्ली। 7 अक्टूबर से इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। हमास के आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद ये जंग शुरू हुई। इसके बाद इजराइल ने गाजा पट्टी से इस इस्लामिक आतंकी संगठन को जड़ से मिटाने की कसम खाई। इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा, दुनिया आज जो संघर्ष और टकराव का सामना कर रही है उससे किसी को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि दुनिया को मानव केंद्रित रुख के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। जी20 देशों की संसद के स्पीकर और संसदीय प्रतिनिधिमंडल के शिखर सम्मेलन में भारत के पीएम ने बताया कि कैसे भारत आतंकवाद से हमेशा से पीड़ित रहा है।

क्या बोले पीएम मोदी

9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) में PM मोदी ने कहा, करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को निशाना बनाया था। उस समय संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादियों की मंशा सांसदों को बंधी और उनको खत्म करने की थी... दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि आतंकवाद दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। आतंकवाद जहां भी होता, किसी भी कारण, किसी भी रूप में होता वह मानवता के विरुद्ध होता है।

आगे पीएम मोदी ने कहा, ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी... आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है। आज भी UN भी इसका इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिनिधियों को सोचना होगा की आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे काम कर सकते हैं।

इस सम्मलेन के दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा, स्थायी और विकासात्मक लक्ष्यों के बारे में बात करना और शांति के बिना भविष्य के बारे में बात करना असंभव है। हमें मध्य पूर्व सहित सभी महाद्वीपों में शांति की रक्षा करने की आवश्यकता है। शांति पहले पन्ने पर होनी चाहिए। यहां तक कि एक भी मौत बहुत ज्यादा है।