चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी में इसरो, 12 महीने की डेडलाइन, चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर आएगा काम!

इस साल सितंबर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization - ISRO) ने चंद्रयान-2 के लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी लेकिन इसमें इसरो वैज्ञानिक फेल हो गए थे। वही अब इसरो 2020 के नवंबर महीने में चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को रवाना कर सकता है। इसरो के विभिन्न केंद्रों में इसपर तेजी से काम चल रहा है। यहां तक इसरो प्रबंधन ने चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की समय सीमा भी तय कर दी गई है। इसरो के वैज्ञानिकों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि इसरो ने कई समितियां बनाई हैं। इन समितियों की अक्तूबर से लेकर अब तक तीन उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। इस नए मिशन में केवल लैंडर और रोवर शामिल होगा। इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक तरह से कार्य कर रहा है। यह ऑर्बिटर अगले सात सालों तक काम करेगा। इसरो वैज्ञानिक चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का ही उपयोग चंद्रयान-3 के लिए करेंगे। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काम कर रहा है। चंद्रयान-3 के लिए बनाई गई ओवरव्यू कमेटी ने चंद्रयान-3 को लेकर 10 बिंदुओं पर फोकस किया है। इन बिंदुओं में लैंडिंग की जगह, सही नेविगेशन, सेंसर और इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि 5 अक्तूबर को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में कहा गया है, 'यह जरूरी है कि चंद्रयान-2 की विशेषज्ञ समिति द्वारा लैंडर सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए की गई सिफारिशों पर ध्यान दिया जाए। जिन सिफारिशों को चंद्रयान-2 के एडवांस फ्लाइट प्रिपरेशन की वजह से लागू नहीं किया गया था।' दूसरे वैज्ञानिक ने कहा कि नए मिशन की प्राथमिकता लैंडर के लेग्स को मजबूत करना है। ताकि वह चांद की सतह पर तेज गति से उतरने पर क्रैश न हो।