इजराइल के वैज्ञानिकों ने किया कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा, जल्द मरीजों को मिलेगी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नोवल कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया है। इस वायरस की वजह से 4400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और तकरीबन 1,24,000 इस वायरस से संक्रमित है। लोगों के बीच इस वायरस को लेकर खौफ का माहौल है। ऐसे में एक खबर सामने आ रही है जो काफी राहत देने वाली है। कोरोना वायरस की दहशत के बीच एक देश ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी के लिए वैक्सीन इजाद कर ली है। यही नहीं कहा जा रहा है कि जल्द ही इस वैक्सीन (टीके) की खेप सभी संक्रमित देशों को भेजे जाने की संभावना है। इजरायली मीडिया में ऐसी ख़बरें आई हैं कि यहां वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस (Coronavirus) का टीका विकसित कर लिया है।

ख़बरों के मुताबिक इजरायली वैज्ञानिक जल्द ही इसकी घोषणा कर सकते हैं। ये वैक्सीन प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर विकसित की गई है और इसके असर काफी सकारात्मक रहे हैं। इजराइल के अखबार हारेज ने मेडिकल सूत्रों के हवाले से गुरुवार को खबर दी कि प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोलोजिकल रिसर्च ने हाल ही में इस विषाणु की जैविक कार्यप्रणाली और उसकी विशेषताएं समझने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इन विशेषताओं में नैदानिक क्षमता, इस विषाणु की चपेट में आ चुके लोगों के वास्ते एंटीबॉडीज (प्रतिरक्षी) के उत्पादन और टीके के विकास आदि शामिल हैं। अखबार के अनुसार हालांकि इस टीके को उपयोग के वास्ते प्रभावी और सुरक्षित समझे जाने से पहले विकास प्रक्रिया के तहत उस पर कई परीक्षण करने होंगे जिनमें महीनों लग सकते हैं।

वहीं, इजराइल के रक्षा मंत्री नेफटाली बेनिट का कहना है कि हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के ऊपर शोध करके वायरस के नेचर को समझा है। साथ ही कोरोना वायरस के जैविक तंत्र के बारे में भी बारीकी से अध्यन कर इसकी पहचान करने में सफलता हासिल की है।

इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने स्थानीय न्यूज पेपर हारेज को बताया कि कोरोनो वायरस के प्रतिरोधक को विकसित करने में वक्त लगा लेकिन जल्द ही इसके इस्तेमाल से सफलता मिल सकती है। उनका कहना है कि संस्थान में 50 से अधिक अनुभवी वैज्ञानिक वायरस के वैक्सीन बनाने के कार्य में लगे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए कई तरह के परीक्षण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इसमें पहले जानवरों फिर उसके बाद इंसानों के ऊपर नई दवाई का प्रयोग किया गया है। इस दौरान वैक्सीन के इफेक्ट और साइड इफेक्ट की जांच कर अध्ययन भी किया जा रहा है। इसके बाद वैक्सीन को चीनी दवा नियामक और अमेरिका की खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी (FDA) को भेजा जाएगा। फिर वैक्सीन को मान्यता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद वैक्सीन को कोरोना प्रभावित देशों में भेजा जा सकता है।