भारत के बाद अब ईरान ने भी दी पाकिस्‍तान को चेतावनी, कहा -'आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करे वरना गंभीर नतीजे भुगतने होंगे'

पुलवामा में आतंकी हमले और आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्‍तान को अब वैश्विक स्‍तर पर दबाव झेलना पड़ रहा है। हालाकि गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों को खारिज कर दिया है। खान ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार करते हुए कहा कि जब भी कश्मीर में कोई घटना होती है, तो भारत पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता है और पाकिस्तान को बार-बार ‘‘बलि का बकरा’’ बनाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ‘‘क्षेत्र में स्थिरता’’ चाहता है और अफगानिस्तान मामले की तरह कश्मीर मामला भी वार्ता के जरिए सुलझेगा। वही दूसरी तरफ शुक्रवार को ईरान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करे। ईरान की कुर्द सेना के कमांडर ने कहा है कि पाकिस्‍तान पड़ोसी देशों में आतंकवाद न फैलाए। ईरान ने यह भी कहा है कि अगर पाकिस्‍तान ऐसा नहीं करता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। बता दें कि ईरान भी पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहा है। पाकिस्तानी सरहद से लगते ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में 13 फरवरी को फिदायीन हमलावर ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक बस पर हमला कर दिया था जिसमें बल के 27 कर्मियों की मौत हो गई थी। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स पर पिछले हफ्ते फिदायीन हमला करने वाला हमलावर पाकिस्तानी नागरिक था।

बता दे, 14 फरवरी को जम्‍मू और कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले की जिम्‍मेदारी पाकिस्‍तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है।

बता दें कि गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack) की कठोरतम शब्दों में निंदा की। सुरक्षा परिषद ने इस घटना के अपराधियों, साजिशर्ताओं और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को ‘इस निंदनीय कृत्य’ के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाने की जरूरत को रेखांकित किया। संयुक्त राष्ट्र की 15 शक्तिशाली देशों की इस इकाई ने अपने बयान में पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का नाम भी लिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) द्वारा पुलवामा (Pulwama) हमले को लेकर जैश का नाम लिये जाने पर चीन ने अड़ंगा लगाया। चीन (China) ने मांग की कि पुलवामा हमले से आतंकी संगठन जैश का नाम हटाया जाए। यूएनएससी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।'' बयान में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक बताया गया है। उधर, फ्रांस 'अगले कुछ दिनों' में संयुक्त राष्ट्र में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish e Mohammad) के सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) पर प्रतिबंध लगवाने के लिए एक प्रस्ताव लाएगा।