ईरान ने 4 लोगों को दी सरेआम फांसी, मोसाद के लिए जासूसी का लगा आरोप

इज़रायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध शुरू होने से इज़रायल और ईरान के बीच संबंधों में खटास आ गई है। ईरान लंबे समय से हमास और फिलिस्तीनियों का समर्थक रहा है और इज़रायल के फिलिस्तीनियों के खिलाफ अत्याचार से ईरान भी नाराज़ है। ईरान ने इस युद्ध को रोकने की कोशिश की है, पर इज़रायल ने ईरान की बात नहीं मानी। हाल ही में ईरान में 4 लोग पकड़े गए हैं और इन चारों का इज़रायल से कनेक्शन है। यह कनेक्शन इज़रायली खुफिया एजेंसी मोसाद से है। इस घटना से इज़रायल और ईरान के बीच संबंधों में पड़ी दरार और भी बढ़ सकती है।

मोसाद के लिए जासूसी का लगा आरोप

ईरान में हाल ही में पकड़े गए 4 लोगों पर इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप लगा। चारों लोगों पर आरोप लगाया गया कि ये लोग ईरान की निजी और सरकारी गुप्त जानकारी मोसाद तक पहुंचाते थे। इसके साथ ही इन चारों पर यह आरोप भी लगाया गया कि ये सभी ईरान में अल्लाह के खिलाफ भ्रांतियाँ फैलाने के साथ ही भ्रष्टाचार में भी लिप्त थे।

चारों को दी गई फांसी

मोसाद के लिए जासूसी करने और ईरान से धोखाधड़ी करने के आरोप में पकड़े गए चारों लोगों को फांसी की सज़ा दी गई है। चारों को शुक्रवार की सुबह सरेआम फांसी की सज़ा दी गई है।

चारों की हुई पहचान

जिन 4 लोगों को फांसी की सज़ा दी गई उनकी पहचान हो गई है। इनमें 3 पुरुष और 1 महिला थी। पुरुषों के नाम वफा हनारेह, अराम ओमारी और रहमान परहाजो थे और महिला का नाम नासिम नमाजी था।

मददगारों को दी गई 10 साल की जेल की सज़ा


मोसाद के लिए काम करने वाले चारों लोग जिन लोगों की मदद लेते थे, उनमें से भी कई लोगों को पकड़ लिया गया है। उन सभी मददगारों को 10-10 साल की जेल की सज़ा दी गई है।