ईरान ने किया अमेरिकी एयरबेस पर हमला, दागी एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें

इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर हमला हुआ है। सैन्य ठिकानों पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है। पेंटागन के मुताबिक उसके एयरबेस पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी गई हैं। एयरबेस पर अमेरिका के साथ गठबंधन सेनाएं तैनात हैं। पेंटागन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। ये हमले अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर हुए हैं। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि करीब साढ़े पांच बजे इराक में अमेरिकी और गठबंधन सेना के ठिकानों पर 1 दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। अल असद के जिस ठिकाने पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है, वहां 2018 में डोनाल्ड ट्रंप गए थे।

व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी स्टेफनी ग्रिशाम ने एक ट्वीट में लिखा, इराक में अमेरिकी ठिकाने पर हमले की रिपोर्ट हमें मिली है। राष्ट्रपति को इस बारे में बताया गया है और वे स्थिति पर बराबर निगाह रखे हुए हैं। इस बाबत उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी बात की है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक में अल-असद एयरबेस पर ईरान ने कई रॉकेट हमले किए हैं।

ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने बुधवार को सरकारी मीडिया से कहा कि तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं बख्शेगा। इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इराक में पल-पल की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। इराक में अमेरिकी सैनिकों की अच्छी खासी मौजूदगी है, इसलिए ट्रंप उनसे जुड़ी हर स्थिति पर पैनी निगाह रख हुए हैं। व्हाइट हाउस से जारी एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान-इराक में मौजूदा हालात की जानकारी लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक की है।

बता दें, अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी शुक्रवार को तेज हो गई थी, जब अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला कर ईरान के कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी शुरू हुई थी। ईरान ने बदला लेने की धमकी दी है, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल ही कहा था कि इसके बुरे नतीजे होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी थी। इसके बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी 52 के बदले 290 की बात कही थी। रूहानी ने कहा था कि जो लोग 52 की बात कह रहे हैं उन्हें 290 भी याद रखना चाहिए। बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर निशाने की बात कही थी जिसके बदले में रूहानी ने उन्हें जुलाई 1988 की घटना याद दिलाई जब यूएस वॉरशिप ने ईरानी यात्री विमान पर हमला किया था जिसमें 290 लोगों की जानें गई थीं।