क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं? जानें भारत में कितना और कैसे देना होगा टैक्स

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद से क्रिप्टोकरेंसी, खासतौर पर बिटकॉइन, में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। हाल ही में बिटकॉइन का भाव 1 लाख डॉलर के पार पहुंच गया था, जिसने एक बार फिर निवेशकों का ध्यान क्रिप्टोकरेंसी की ओर खींचा है। अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि भारत में इससे होने वाली आय पर कितना टैक्स देना होगा। भले ही भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है, लेकिन निवेश पर कोई रोक नहीं है।

क्रिप्टो पर 30% टैक्स

आयकर अधिनियम की धारा 2(47A) के तहत क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है। हालांकि, इसे अब तक कानूनी मान्यता नहीं दी गई है। भारत में क्रिप्टो से जुड़े टैक्स नियम धारा 115BBH और धारा 194S के तहत आते हैं। इन प्रावधानों के मुताबिक:

लाभ पर 30% टैक्स: यदि आप क्रिप्टोकरेंसी बेचते हैं और उससे लाभ होता है, तो आपको 30% का फ्लैट टैक्स चुकाना होगा।
1% TDS: क्रिप्टो लेनदेन पर 1% TDS काटा जाएगा।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध है या नहीं?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जो क्रिप्टोग्राफी तकनीक पर आधारित है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर संचालित होती है, जो इसे सुरक्षित और धोखाधड़ी से बचाने में मदद करती है। हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर स्थिति अब भी साफ नहीं है। 2022 में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का प्रावधान किया था। इसके बावजूद, इसे आधिकारिक तौर पर वैध करार नहीं दिया गया है।

नीति और रेगुलेशन की स्थिति

वर्तमान में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सेबी, और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) क्रिप्टोकरेंसी के लिए व्यापक नीति पर काम कर रहा है। इस समूह ने अभी तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं किए हैं। आने वाले समय में, IMG एक परिचर्चा पत्र जारी करेगा, जो हितधारकों को इस पर अपने विचार रखने का मौका देगा। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि भारत क्रिप्टोकरेंसी पर क्या रुख अपनाएगा।