दुश्मनों की अब खैर नहीं, भारतीय नौसेना में शामिल हुआ 'साइलेंट किलर'

समंदर में भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है। भारतीय नौसेना (Indian Navy) की पनडुब्बी INS खंडेरी (INS Khanderi) को बेड़े में शामिल कर लिया गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने खंडेरी को नौसेना के बेड़े में शामिल किया। इसे दुश्मनों के लिए समुद्र में साइलंट किलर माना जा रहा है। इसके निर्माण में पूरे 10 साल का समय लगा। यहां तक पंहुचने के क्रम में ये कई कड़ियों से होकर गुजरा है। जिसमें इंजिनियरों की दिनरात मेहनत और कई फेज की टेस्ट‍िंग शामिल है। ये समंदर में 350 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम है।

मुंबई नेवल डॉक पर हुए कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इशारों में कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर 26/11 मुंबई हमले की तैयारी कर रहा है। राजनाथ ने कहा कि इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि आईएनएस खंडेरी को शामिल किए जाने के बाद हम पाकिस्तान को और करारा जवाब देने के काबिल हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ' ऐसी ताकतें हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती हैं, हम ऐसा होने नहीं देंगे। पाकिस्तान को समझना चाहिए कि आज हमारी सरकार के दृढ़ संकल्प और की बढ़ती क्षमता- जैसे आईएनएस खंडेरी को शामिल किए जाने के बाद हम उसे और तगड़ा जवाब देने के काबिल हैं।'

राजनाथ सिंह ने इस मौके पर खुशी जताते हुए कहा, 'आईएनएस खंडेरी की कमिशनिंग के मौके पर मैं मौजूद हूं, इसकी मुझे खुशी है।'

क्यों कहते है इसे 'साइलंट किलर'

रेडार, सोनार, इंजन समेत इसमें छोटे बड़े 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं। इसके बावजूद बगैर आवाज किए यह पानी में चलने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है। इस वजह से रेडार आसानी से इसका पता नहीं लगा सकते हैं। इसीलिए इसे 'साइलंट किलर' भी कहते हैं।

शिवाजी महाराज के दुर्ग पर नामकरण

खंडेरी का नाम महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है। इस दुर्ग या किले की खासियत यह थी कि यह एक जल दुर्ग था मतलब चारों और पानी से घिरा हुआ इसलिए दुश्‍मन के लिए अभेद्य था।