इंडोनेशिया के जकार्ता से पांकल पिनांग शहर जा रहा एक यात्री विमान सोमवार सुबह उड़ान भरने के 13 मिनट बाद समुद्र में क्रैश हो गया। राहत और बचाव कार्य में जुटे दल ने पुष्टि की है कि विमान में सवार सभी 189 यात्रियों की मौत हो गई है। उडान के वक़्त सब कुछ सही था विमान तक़रीबन तीस हज़ार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था तभी अचानक 13 मिनट बाद विमान में आई तकनीकी दिक्कत की वजह से उसका संपर्क ज़मीन से टूट गया और वो रडार से भी गायब हो गया। लेकिन गायब होने से ऐन पहले पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल को इतना जरूर बता देता है कि विमान में कुछ तकनीकी दिक्कत है इसलिए वो वापस लौट रहा है। मगर प्लेन वापस नहीं लौटा और पायलट समेत कुल 189 लोगों के साथ समंदर में जा गिरा।
29 अक्टूबर, सुबह 6 बजकर 10 मिनटइंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सोई कार्नो हाटा एयरपोर्ट। इंडोनेशिया की लायन एयरलाइंस की उड़ान संख्या जेटी-610 इंडोनेशिय़ा की जकार्ता से पंगकाल पिनांग शहर के लिए उड़ान भरने को तैय़ार थी। पंगकाल तक की दूरी एक घंटा दस मिनट में पूरी की जानी थी। विमान में दो पायलट और पांच क्रू मेंमबर समेत कुल 189 मुसाफिर सवार थे। लायन एयरलाइंस की इस फ्लाइट के पायलट कैप्टन भव्य़ जुनेजा थे जो कि दिल्ली के रहने वाले थे। रनवे खाली ना होने की वजह से विमान तय वक्त से करीब 11 मिनट देरी से टेक ऑफ करता है।
6 बजकर 21 मिनटएटीसी की हरी झंडी मिलते ही अब विमान रनवे छोड़ कर हवा में था। स्थानीय़ वक्त के मुताबिक विमान को 1 घंटा 10 मिनट की दूरी तय कर 7 बजकर 20 मिनट पर इंडोनेशिया के बंग्का टापू के पंगकल पिनांग में डिपाटी आमिर एयरपोर्ट पर उतरना था।
6 बजकर 34 मिनटटेक ऑफ के बाद अभी 13 मिनट ही बीते थे। विमान करीब 35 हजार फीट की ऊंचाई पर अब समंदर के ऊपर उड़ान भर रहा था। तभी पायलट को प्लेन में कुछ तकनीकी गड़बड़ियों का अहसास होता है। विमान तेजी से अपनी ऊंचाई खोता जा रहा था और नीचे की तरफ आ रहा था। पायलट ने फौरन जकार्ता एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी को सूचना दी कि वो विमान को वापस ला रहा है।
जकार्ता एटीसी इससे पहले कुछ समझ पाती या मदद कर पाती बोइंग 737 की उड़ान संख्या जेटी-610 अचानक एटीसी के राडार से गायब हो जाता है। इधर, विमान का संपर्क एटीसी से जैसे ही टूटता है। जकार्ता के सोई कार्नो हाटा एयरपोर्ट पर कोहराम मच जाता है। चूंकी विमान को परवाज भरे सिर्फ 13 मिनट हुए थे। लिहाजा अंदेशा यही था कि जो भी हुआ है। जकार्ता के करीब ही हुआ है। एटीसी विमान के आखिरी लोकेशन का पता कर खोजी दस्तों को उसी तरफ रवाना होने को कहती है।
एक साथ कई टीमें पानी के जहाज़ों से निकल पडते हैं। कुछ देर बाद ही कारावांग खाड़ी के नज़दीक गुमशुदा प्लेन का मलबा दिखाई देता है। कुछ टूटी सीटें। मुसाफिरों के सामान और कुछ आईडी कार्ड थे। हालांकि प्लेन और उसमें सवार यात्रियों का कुछ पता नहीं चल पा रहा था। आशंक जताई जा रही है कि तमाम यात्रियों और क्रू मेंबर समेत विमान समंदर में डूब गया।
अधिकारी ब्लैक बॉक्स की खोज कर रहे हैं, ताकि हादसे की सही वजह का पता लगाया जा सके। क्योंकि ब्लैक बॉक्स ही वो मशीन होती है। जिसके अंदर कॉकपिट वॉयस और डाटा रिकॉर्डर होता है। हादसे से पहले की तमाम बातचीत इसमें मौजूद होती है। विमान में तकनीकी गड़बड़ी का आशंका इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि ये विमान इससे पहले डेनपासार से जकार्ता के सेंगकारेंग गया था। उस दौरान भी इसमें तकनीकी खराबी आई थी, जिसे बाद में ठीक कर लेने का दावा किया गया।
एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक विमान में तकनीकि खराबी के वक्त विमान या तो सीधे नीचे की तरफ आने लगता है या एक तरफ झुकने लगता है। इस विमान के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। इसीलिए अंदेशा है कि ये समंदर के अंदर चला गया।
जकार्ता एटीसी ने इस बात की तसदीक की है कि प्लेन क्रैश से पहले अचानक विमान करीब 2000 फीट नीचे आ गया था। और शायद जब पायलट आखिरी बार एटीसी के संपर्क में था तब विमान और तेजी से नीचे की तरफ जा रहा था। और उसी दौरान प्लेन क्रैश कर गया। पर सवाल ये है कि अचानक विमान में कैसी तकनीकी खऱाबी आई थी।
दुनिया की दूरी समेटने के लिए इंसान ने हवाई जहाज बनाया। खुले आसमान में हवा से बातें करने वाले इन जहाजों ने वाकई ना सिर्फ दूरियां समेट दीं, बल्कि दुनिया का नक्शा भी बदल दिया। लेकिन इन्हीं जहाजों ने जब-तब मौत का तमाशा भी दिखाया है। कभी बीच आसमान में तो कभी ज़मीन पर, तो कभी समंदर में।
यह क्रैश इंडोनेशिया का सबसे बड़ा विमान हादसा हो सकता है। इससे पहले दिसंबर 2014 में एयर एशिया फ्लाइट क्यूजेड8501 क्रैश में 162 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 737 मैक्स-8 था। इसमें एक बार में 210 यात्री सफर कर सकते हैं। हादसे की वजह अभी साफ नहीं है।
2013 में भी क्रैश हो चुका है लॉयन एयर का विमानलॉयन एयर इंडोनेशिया की किफायती हवाई सेवा है। 2013 में भी लॉयन एयर की फ्लाइट बाली के एंगुराह राय इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड होने से पहले समुद्र में क्रैश हो गई थी। इसमें सवार सभी 108 यात्री बच गए थे। 2004 में भी लॉयन एयर का जकार्ता से जा रहा विमान-538 सोलो शहर में क्रैश हो गया था। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी।