कोरोना के कारण खराब होते जा रहे इंडोनेशिया के हालात, रोज मिल रहे 57 हजार से ज्यादा मरीज

कोरोना के तांडव का नजारा पूरी दुनिया देख चुकी हैं जिसका कहर अभी भी खत्म होते नहीं दिख रहा हैं। दुनिया के कई हिस्से कोरोना का केंद्र बने हैं। भारत व ब्राजील के बाद अब इंडोनेशिया के हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं जहां हर दिन सामने आने वाले कोरोना के मरीज 57 हजार से ज्यादा हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफिथा यूनिवर्सिटी में इंडोनेशियाई मूल के महामारी रोग विशेषज्ञ प्रो. डिकी बुदिमान का कहना है कि इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला चौथा देश है। यहां जांच की दर कम है, ऐसे में मरीजों का वास्तिवक आंकड़ा मौजूदा आंकड़े से तीन से छह गुना अधिक हो सकता है।

इंडोनेशिया में संक्रमण से मौतों पर नजर रखने वाली संस्था लैपोर कोविड का कहना है कि इंडोनेशिया में अस्पतालों में मौतें तो हो ही रही है। घर पर भी रोजाना 40 से अधिक की जान जा रही है। हॉस्पिटल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. लिया जी पर्ताकुसुमा ने बताया कि इंडोनेशिया में वायरस की चपेट में आने से देश के 10% स्वास्थ्यकर्मी आइसोलेट हो गए हैं। वहीं अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत क्षमता से पांच गुना अधिक हो गई है।

यहां डेल्टा वैरिएंट ने तबाही मचा रखी है। लोगों को अस्पताल या टेंट में बने अस्थाई अस्पताल में भर्ती होने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है, इसलिए ऑक्सीजन की व्यवस्था खुद करनी पड़ रही है। बिना ऑक्सीजन अस्पताल आने वाले मरीजों को भर्ती तक नहीं किया जा रहा है। इंडोनेशिया में केवल 2.7 करोड़ लोगों को टीका लगा है। इसमें से भी केवल छह फीसदी को दोनों डोज लगी है। इंडोनेशिया में चीन की कंपनी साइनोवैक का टीका लग रहा है, जिसे अन्य टीकों की तुलना में कम असरदार माना जा रहा है। सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि साइनोवैक टीके की दोनों डोज लगवा चुके 20 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। ऐसे में डॉक्टर व स्टाफ मरीजों का इलाज करने से घबरा रहे हैं।