दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई की दूरी होंगी 5 घंटे कम, ये रहा भारतीय रेलवे का 100 दिनों का प्लान

रेलवे अति व्यस्त दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूट की रेलगाड़ियों का वक्त पांच घंटे तक कम करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए रेलवे अगले चार सालों में 14,000 करोड़ रुपये इनके इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च भी करेगा। दरहसल, नई सरकार बनने के बाद भारतीय रेलवे की ओर से अपने 100 दिनों के प्लान में जो 11 प्रस्ताव रखे गए हैं उनमें से दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूट की ट्रेनों के रूट का रनिंग टाइम पांच घंटे तक कम करने का प्रस्ताव भी है। इनके लिए तत्काल प्रभाव से रेलवे काम करेगा और इस प्लान को 31 अगस्त तक लागू कर दिया जाएगा। यह 100 दिनों का प्लान सभी केंद्रीय मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव के बाद तैयार कर रहे हैं। रेलवे का यह प्लान भी इसी नए प्रस्ताव का हिस्सा है। नई दिल्ली-हावड़ा रूट की लंबाई 1,525 किमी है। वहीं नई दिल्ली- मुंबई रूट की लंबाई 1,483 किमी है। इन रूट को क्रमश 6,684 करोड़ रुपये और 6,806 करोड़ रुपये में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है।

भारतीय रेलवे के कुल यात्रियों में से 30% यात्री केवल इन दो रूट पर चलते हैं। जबकि रेलवे को आने वाले कुल किराए का 20% केवल इस रूट की रेलगाड़ियों से आता है।

रनिंग टाइम 12 घंटे और 10 घंटे घटाने का प्लान

अभी दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलने वाली सबसे तेज ट्रेन को अपनी यात्रा पूरी करने में 17 घंटे और दिल्ली-मुंबई रूट की सबसे तेज ट्रेन को 15.5 घंटे लगते हैं। इन दोनों ही रूट पर भारतीय रेलवे का प्लान रेलगाड़ियों का रनिंग टाइम क्रमश: 12 घंटे और 10 घंटे घटाने का प्लान है। इस प्लान के अनुसार इन रूट पर रेलगाड़ियों की गति को 130 किमी/घंटे से बढ़ाकर 160 किमी/घंटे करने का प्रस्ताव है। रेलवे ने अपने प्रस्तावों को स्वीकृति के लिए कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी को भेज दिया है।

सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे पीयूष गोयल

रेलवे ने अपने 100 दिनों के प्लान में 10 अन्य लक्ष्य भी रखे हैं। इनमें से एक 'गिव इट अप' है। इसके जरिए रेलमंत्री पीयूष गोयल रेलवे टिकट पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। कई सारे सीनियर सिटिजन उनके आग्रह के बाद सब्सिडी छोड़ भी रहे हैं। सब्सिडी छोड़ने के लिए रेलवे एक प्रचार अभियान भी चलाएगा।

इस प्लान में शामिल होंगी प्राइवेट कंपनियां

इस 100 दिनों के प्लान में रेलवे ने यह भी प्रस्ताव रखा है जिसमें कई रूट डेवलप किए जाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को दिए जाने का प्रस्ताव था। इसके अलावा रेलवे में 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के डिजिटल कॉरिडोर को 700 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी तक ले जाया जाएगा। जिससे न सिर्फ कोहरे में ट्रेनों के संचालन में सुधार आएगा और उनकी सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि इससे उनकी गति में भी सुधार आएगा।