नौसेना की ताकत में आज होगा कई गुणा इजाफा, बेड़े में शामिल होगा INS कवरत्ती, जानिए Made In India जंगी जहाज की खासियतें

भारतीय सेना (Indian Army) प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती (INS Kavaratti) को नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे। इस युद्धपोत की खासियत है कि यह रडार की पकड़ में नहीं आता। ‘कवरत्ती’ उन चार ऐंटी सबमरीन युद्धपोतों में से अंतिम है, जिनका निर्माण जीआरएसई ने परियोजना पी28 के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है। मेड इन इंडिया (Made In India) आईएनएस कवरत्ती पोत को भारतीय नौसेना (Indian Navy) के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है। इसका निर्माण कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने किया है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक अहम कदम है। इस पोत के नौसेना में शामिल होने से इसकी ताकत में और भी इजाफा होगा।

कवरत्ती जीआरएसई द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा। इसका 90 फीसदी हिस्सा स्वदेश निर्मित हैं और नई तकनीक की मदद से इसकी देखरेख की जरूरत भी कम होगी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पोत परमाणु, केमिकल और बायलॉजिकल युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा।

आईएनएस कवरत्ती के नौसेना में शामिल होने पर अधिकारियों का कहना है कि ये अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं। यह प्रोजेक्ट-28 के तहत स्वदेश में निर्मित चार पनडुब्बी रोधी जंगी स्टील्थ पोत में से आखिरी जहाज है। बता दें कि इससे पहले तीन युद्धपोत भारतीय नेवी को सौंपे जा चुके हैं।

जानिए आईएनएस कवरत्ती की खासियतें

- सबसे जरुरी बात है कि इस पोत में 90 प्रतिशत उपकरण भारतीय हैं।

- पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता के अलावा, पोत को एक विश्वसनीय सेल्फ डिफेंस क्षमता से भी लैस किया गया है और यह लंबी दूरी के अभियानों के लिए बेहतरीन मजबूती भी रखता है।

- इसके सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट का उपयोग किया गया है, जो भारतीय पोत निर्माण के इतिहास में बड़ी सफलता मानी जा रही है।

- ये पोत परमाणु, रासायनिक और जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा।

- आईएनएस कवरत्ती की लंबाई 109 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है। ये अत्याधुनिक हथियारों, रॉकेट लॉचर्स, एकीकृत हेलीकॉप्टर्स और सेंसर से लैस है।