भारत की संयुक्त पर्वतारोहण टीम ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रचा नया कीर्तिमान

नई दिल्ली। भारत के पर्वतारोहण इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। देश की अग्रणी पर्वतारोहण संस्थानों के प्रशिक्षकों और भारतीय सेना के जवानों की एक संयुक्त टीम ने 23 मई 2025 को विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848.86 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

इस अभियान में जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोर्ट्स (पहलगाम), नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (उत्तरकाशी) और हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (दार्जिलिंग) के प्रशिक्षक शामिल थे। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस साहसिक और रणनीतिक मिशन की शुरुआत 26 मार्च 2025 को हुई थी, जब रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने नई दिल्ली से टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस संयुक्त टीम का नेतृत्व कर्नल अंशुमान भदौरिया (नेहरू इंस्टीट्यूट) और कर्नल हेम चंद्र सिंह (जवाहर इंस्टीट्यूट) ने किया। टीम में शामिल विशेषज्ञ प्रशिक्षकों में हवलदार राजेन्द्र मुखिया, राकेश सिंह राणा, सूबेदार बहादुर पाहन, पासंग तेनजिंग शेर्पा, और हवलदार थुप्स्तन त्सेवांग शामिल हैं।

टीम ने मुख्य चढ़ाई से पूर्व 18 अप्रैल को माउंट लोबुचे (6,119 मीटर) को आरोहित कर अनुकूलन प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद टीम ने खराब मौसम, कम ऑक्सीजन और अत्यधिक ऊंचाई की विषम परिस्थितियों के बीच भी साहस, संयम और अनुशासन का परिचय देते हुए एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सफलता सिर्फ एक पर्वतारोहण उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय पर्वतारोहण कौशल और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक है। टीम अब सुरक्षित रूप से एवरेस्ट बेस कैंप से नीचे उतरकर काठमांडू की ओर अग्रसर है।

उल्लेखनीय है कि इसी महीने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की टीम ने भी 18 मई को माउंट एवरेस्ट की सफल चढ़ाई की थी। यह एनसीसी के लिए तीसरी बार था जब उन्होंने एवरेस्ट को फतह किया—पहले 2013 और 2016 में भी यह सफलता प्राप्त की गई थी। इस वर्ष की चढ़ाई में 10 कैडेट्स की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, जिनमें कई नव प्रशिक्षित पर्वतारोही शामिल थे।