वॉट्सऐप : इजरायली स्पाइवेयर से 20 देशों के पत्रकार व सरकारी अधिकारियों के फोन की हुई जासूसी, सरकार ने कंपनी से मांगी रिपोर्ट

इजरायली स्पाइवेयर की मदद से अमेरिका से संबद्ध देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की जासूसी की जा रही थी। मैसेजिंग कंपनी की जांच से जुड़े लोगों का कहना है कि यूज़र के फोन को हैक करने के लिए Facebook Inc's WhatsApp का प्रयोग किया गया था। वॉट्सऐप की आंतरिक जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हैकर्स के निशाने पर हाई-प्रोफाइल सरकार और पांच महाद्वीपों में बैठे देशों के सैन्य अधिकारी शामिल थे। उन्होंने कहा कि इसमें अमेरिका से जुड़े कुछ सहयोग देश भी शामिल हैं। गौरतलब है कि वॉट्सऐप की स्वामित्व कंपनी फेसबुक ने जासूसी के मामले में इजरायली साइबर सिक्युरिटी कंपनी एनएसओ को नोटिस जारी किया है। उधर, भारत सरकार ने इस पर चिंता जताते हुए वॉट्सऐप से 4 नवंबर तक जवाब मांगा है। भारत में वॉट्सऐप के करीब 40 करोड़ यूजर हैं।

केंद्रीय सूचना एवं तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सरकार वॉट्सऐप के भारतीय यूजर्स की निजता को लेकर चिंतित है। हमने वॉट्सऐप से पूछा है कि भारतीय नागरिकों के डाटा की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सरकारी एजेंसियों के पास कॉल इंटरसेप्शन का स्थापित प्रोटोकॉल है। राष्ट्रहित के समुचित कारणों से केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में कॉल इंटरसेप्ट करने की अनुमति दी जाती है।'

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग इस मामले का राजनीतिक फायदा उठाना चाह रहे हैं, उन्हें यूपीए के कार्यकाल के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में हुई बगिंग (कंप्यूटर में भेजा जाने वाला एक प्रकार का वायरस) की याद दिलाने की जरूरत है। उन्हें याद करना चाहिए कि पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह की जासूसी की गई थी। ये सब एक परिवार की व्यक्तिगत सहूलियत के लिए प्रतिष्ठित लोगों की निजता के उल्लंघन की घटनाएं हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार, वॉट्सऐप द्वारा भारतीय नंबर सर्विलांस में रखे जाने की बात कहे जाने के बाद पकड़ी गई है। सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘एक सरकार जो अपने ही पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं की जासूसी करती है और अपने नागरिकों से अपराधियों जैसा बर्ताव करती है, उसे लोकतंत्र के नेतृत्व का अधिकार नहीं है।’’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया- मोदी सरकार ने वॉट्सऐप से भारतीय नागरिकों की जासूसी के मामले में जवाब मांगा है। यह ठीस उसी तरह है, जैसे नरेंद्र मोदी दैसो से पूछ रहे हैं कि भारत को राफेल विमानों की बिक्री से पैसा किसने बनाया।

वॉट्सऐप जासूसी के मामले में कांग्रेस के बयान के बाद सरकार ने कहा कि वॉट्सऐप पर भारतीय नागरिकों के निजता उल्लंघन के बारे में मीडिया में आई खबरों के आधार पर कुछ बयान आ रहे हैं। जासूसी के मामले में केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराना पूरी तरह से भ्रामक है। सरकार निजता के उल्लंघन के लिए किसी प्रकार की मध्यस्थता करने वाले के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगी।

फेसबुक (Facebook) का आरोप है कि एनएसओ ने वॉट्सऐप सर्वर इस्तेमाल कर यूजर्स के फोन में जासूसी के लिए एक स्पाइवेयर भेजा था। यह ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो एंड्रॉयड और आईओएस स्मार्टफोन का डाटा चुरा सकता है। इसके लिए वीडियो कॉलिंग के माध्यम से विशेष कोड फोन में भेजा जाता है। इसके बाद फोन के वॉट्सऐप मैसेज, वाइस कॉल, पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट समेत अन्य जानकारियां हासिल की जा सकती हैं।

कंपनी पर आरोप है कि हैकर्स ने वॉट्सऐप के सर्वर का इस्तेमाल कर 29 अप्रैल, 2019 से 10 मई, 2019 के बीच 1400 वॉट्सऐप यूजर (Whatsapp User) के मोबाइल फोन पर मालवेयर (Malware) से हमला किया गया है। इसके जरिए ही ये जासूसी की गई है। उस वक़्त देश में आम चुनाव हो रहे थे। इनमें 20 देशों के पत्रकार, सरकार के उच्चाधिकारी, मानवाधिकार एक्टिविस्ट शामिल हैं। वाट्सएप का कहना है कि उन्हें मई में इसका पता चला और फिर उन्होंने इसे ब्लॉक कर दिया। जांच में पता चला है कि जिन लोगों के फोन की जासूसी की गई है, उनमें कुछ पीड़ित संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मैक्सिको, पाकिस्तान और भारत के शामिल हैं। न्यूज एजेंसी रायटरने कहा है कि अभी हम ये नहीं कह सकते हैं कि ये सभी सरकारी अधिकारी इन्हीं देशों के हैं या फिर कहीं और के।