
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित डॉ. केएनएस मेमोरियल अस्पताल की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया। उन्होंने गर्व से कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवाद की जड़ों पर सटीक और निर्णायक हमला किया है।
समारोह के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत ने हाल ही में आतंकवाद के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस अभियान के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई करते हुए उन्हें नेस्तनाबूद किया गया। इस ऑपरेशन में कई आतंकवादी मारे गए और आतंकवाद की जड़ों को उखाड़ फेंकने में भारतीय सेना सफल रही।
सेना ने डॉक्टर और सर्जन की तरह सटीक ऑपरेशन किया: राजनाथ सिंहराजनाथ सिंह ने कहा, हमारी सेनाओं ने आतंकवाद के खिलाफ जिस तरीके से कार्रवाई की है, वह बिल्कुल एक कुशल डॉक्टर या सर्जन जैसी रही है। जैसे एक डॉक्टर बीमारी की जड़ पर सटीक वार करता है, वैसे ही हमारी सेनाओं ने भी आतंकवाद के मूल स्थानों पर हमला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की आदत है कि वह आसानी से हार नहीं मानता। उसने भारत पर हमला करने की कोशिश की, जिसमें आम नागरिकों को निशाना बनाने, धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें भी शामिल थीं।
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान झुका: राजनाथउन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना ने इन हमलों का कड़ा और उचित जवाब दिया, जिससे पाकिस्तान की सेना घुटनों के बल आ गई। हमारी सेना की कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी भी तरह की आतंकी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर में पाक नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया: रक्षा मंत्रीराजनाथ सिंह ने यह भी जोर देकर कहा कि हमारी सेनाओं ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की आम नागरिक आबादी को कोई नुकसान न पहुंचे। सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया। भारतीय सेनाओं ने एक सर्जन की भांति सावधानी से काम किया है और इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।
डॉक्टर और सैनिक दोनों हर आपातकाल के लिए होते हैं तैयार: राजनाथ सिंहरक्षा मंत्री ने डॉक्टरों और सैनिकों की भूमिका की तुलना करते हुए कहा, डॉक्टर और सैनिक दोनों समाज की रक्षा करते हैं – एक शरीर की रक्षा करता है, तो दूसरा देश की। दोनों का अनुशासन, प्रशिक्षण और संकट में निर्णय लेने की क्षमता अद्भुत होती है। उन्होंने कहा कि जैसे सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने साहस और सेवा भाव का परिचय दिया, उसी तरह देश के डॉक्टरों और सर्जनों ने कोविड महामारी के समय मानवता की सेवा में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन किया।
समापन में रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के सैनिक और डॉक्टर, दोनों ही देशवासियों की उम्मीद और भरोसे के प्रतीक हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों के योगदान को पूरे देश ने गर्व से देखा है।