लापता विमान AN-32 : सर्च ऑपरेशन हुआ तेज़, गांव वालों का दावा- पहाड़ी के पास से देखा था उठता हुआ धुंआ

वायुसेना के लापता विमान एएन-32 का पता लगाने के लिए शुक्रवार को सघन तलाशी अभियान जारी है। वायुसेना ने अपने अभियान में स्थानीय लोगों और पुलिस एजेंसियों को भी शामिल किया है। वहीं अरुणाचल प्रदेश के एक गांव के लोगों ने सोमवार को ही दावा किया था कि उन्होंने पहाड़ी के पास से धुंआ उठता देखा है। फिलहाल अधिकारी ग्रामीणों के दावों की पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सेना से कहा कि लापता विमान को खोजने के लिए हर संभावित विकल्प का उपयोग किया जाए। 3 जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल की मेनचुका एयरफील्ड में विमान का संपर्क टूट गया था। इसमें क्रू मेंबर्स समेत 13 लोग सवार थे। विमान में चालक दल के कुल आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे। तीनों सशस्त्र बलों ने विमान का पता लगाने के लिए अपने-अपने संसाधनों को लगाया है।

समाचार एजेंसी ANI के अनुसार गुरुवार को सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी कि AN -32 विमान के लापता होने का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना एविएशन रिसर्च सेंटर के ग्लोबल 5000 सर्विलांस एयरक्राफ्ट और एनटीआरओ जासूसी उपग्रहों के साथ-साथ अन्य संसाधनों का उपयोग कर रही है जो अपने विशेष सेंसर के साथ, जमीन की बेहतर तस्वीर हासिल कर सकते हैं।

हालांकि, दुर्गम इलाके और खराब मौसम के कारण खोज एवं बचाव (एसएआर) अभियान के संचालन में दिक्कत आ रही हैं, जिसके कारण अब तक कुछ खास पता नहीं चल सका है। सूत्रों के अनुसार, लापता विमान में बचाव दल को आपातकालीन लोकेटर बीकन से कोई संकेत नहीं मिला है और ऐसी संभावना है कि उपकरण ने काम नहीं किया होगा। इस विमान में पांच यात्री और चालकदल के आठ सदस्य सवार थे। दो इंजन वाले टर्बो प्राप रूस निर्मित एएन-32 पर्याप्त संख्या में प्रयोग में लाए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि खराब मौसम तलाशी अभियान में बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। बुधवार को दिन में अभियान रोकना पड़ा था। इसके बाद हेलिकॉप्टर, सुखोई-30 एमकेआई और सी130जे एयरक्राफ्ट ने रात में उड़ानें भरी थीं। वायुसेना के विमान अब तक 100 घंटे उड़ान भर चुके हैं।

इसके अलावा अभियान में नौसेना के स्पेशल रडार एयरक्राफ्ट पी8आई (टोही विमान) को भी लगाया गया है, जो मौसम ठीक होने पर शनिवार को दोबारा उड़ान भरेगा। सेना के चीता हेलिकॉप्टर पहले ही खोज में जुटे हैं। वायुसेना ने ट्वीट किया कि एएन-32 को ढूंढने के लिए वायुसेना के लड़ाकू विमान, सी130, चीता हेलिकॉप्टर, मानव रहित विमान और विशेष सेंसर से लैस एयरक्राफ्ट की मदद ली जा रही है। उपग्रहों और स्थानीय पुलिस-प्रशासन से भी बराबर सहयोग मिल रहा है।

रडार से गायब होते वक्त एटीसी ड्यूटी पर थीं पायलट की पत्नी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एएन-32 के पायलट आशीष तंवर की पत्नी संध्या ने विमान को रडार से लापता होते हुए देखा था। उस वक्त वे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में ड्यूटी कर रही थीं। संध्या ने विमान के लापता होने की खबर घरवालों को एक घंटे बाद दी थी। आशीष की मां ने कहा- मुझे मेरा बेटा चाहिए। इतने दिन हो गए। अब तक कुछ भी नहीं हुआ।

1980 में वायुसेना में शामिल हुआ था एएन-32

सोवियत दौर का यह एयरक्राफ्ट 1980 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इसे लगातार अपडेट किया गया। हालांकि लापता प्लेन एएन-32 इन अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट का हिस्सा नहीं है। तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे। एयरक्राफ्ट चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर की ओर जा रहा था। बंगाल की खाड़ी के बाद इसका संपर्क टूट गया।