भारत में कोरोना के Delta+ Variant ने बढ़ाई चिंता, अब तक मिले 25 मरीज

एक ओर जहां देश में कोरोना से रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या में कमी आ रही है वहीं, दूसरी तरफ कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। बता दे, देश में संक्रमण की दूसरी लहर के पीछे कोरोना का डेल्टा वैरिएंट ही जिम्मेदार है अब इस वैरिएंट ने अपना रूप बदल लिया है और इस बदले हुए रूप को डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta+ Variant) नाम दिया गया है।

महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा कि राज्य में डेल्टा प्लस के 21 मामले सामने आए हैं। इनमें से 9 जलगांव से, 7 मुंबई से और 1-1 सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालगढ़ जिलों के हैं।

टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जीनोम सिक्वेंसिंग का फैसला किया है और हर जिले से 100 नमूने लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। CSIR और IGIB सैंपलिंग के नेतृत्व में सैंपलिंग हो रहा है।

उन्होंने कहा, '15 मई से अब तक 7,500 नमूने लिए गए हैं जिनमें डेल्टा प्लस के करीब 21 मामले पाए गए हैं।'

एक्सपर्ट चेता रहे हैं कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो अगले दो-तीन हफ्तों में महाराष्ट्र में तीसरी लहर आ सकती है। डेल्टा प्लस वैरिएंट पर सवार तीसरी लहर में एक्टिव केसलोड आठ लाख तक पहुंच सकता है और इन मरीजों में 10% बच्चे होंगे।

केरल में मिले तीन मरीज

उधर केरल (Kerala) के दो जिलों- पलक्कड़ और पथनमथिट्टा से एकत्र किए गए नमूनों में सार्स-सीओवी-2 डेल्टा-प्लस स्वरूप के कम से कम 3 मामले पाए गए हैं।

अधिकारियों ने सोमवार को यहां यह जानकारी दी। पथनमथिट्टा के जिलाधिकारी डॉ नरसिम्हुगरी टी एल रेड्डी ने कहा कि जिले के काडापरा पंचायत का एक 4 वर्षीय लड़का वायरस के नए डेल्टा-प्लस वैरिएंट से संक्रमित पाया गया।

अधिकारियों ने कहा कि नए वैरिएंट का पता लड़के के नमूनों के CSIR-IGIB में किए गए जीनोम सिक्वेंसिंग से चला। प्रशासन ने इसके प्रसार को रोकने के लिए दो जिलों के प्रभावित क्षेत्रों में कड़े कदम उठाए हैं।

पिछले हफ्ते, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), डॉ वीके पॉल ने कहा था कि नए खोजे गए डेल्टा प्लस वैरिएंट को अभी तक चिंताजनक वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है।

Delta+ Variant का पहल मरीज MP में मिला था

भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल की एक 65 वर्षीय महिला में दर्ज किया गया था। महिला होम आइसोलेशन में ही कोविड -19 से ठीक हो गई थी और उन्हें टीके की दो खुराक भी दी गई थी। उनके सैंपल्स 23 मई को लिए गए थे और 16 जून को नेशनल सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की रिपोर्ट में कहा गया था कि वह डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित थीं।

हिन्दी अखबार हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के शिवपुरी जिले में चार लोग डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए। रिपोर्ट में दावा किया गया कि चारों को टीका लगाया जा चुका था और संक्रमण के बाद उनकी मौत हो गई।

डेल्टा-प्लस वैरिएंट क्या है?


भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने डेल्टा (Delta) नाम दिया है। B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोना वायरस के बीटा और गामा वैरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वैरिएंट को डेल्टा+ वैरिएंट (Delta+ Variant) या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।

K417N म्यूटेशन वाले यह वैरिएंट्स ओरिजिनल वायरस से अधिक इंफेक्शियस हैं। यह वैरिएंट वैक्सीन व दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं।

दरअसल, B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) निकला है। इसी लाइनेज के दो और वैरिएंट्स हैं- B.1.617.1 और B.1.617.3, जिनमें B.1.617.1 को WHO ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) की लिस्ट में रखा है और कप्पा नाम दिया है।