PM मोदी और शेख हसीना ने 3 द्विपक्षीय परियोजनाओं का उद्घाटन किया, दोनों देशों के बीच 7 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ मुलाकात की। शेख हसीना भारत दौरे पर है। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। सरकारी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत में मुख्य रूप से सहयोग के क्षेत्रों को विस्तार देने पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष रक्षा, सुरक्षा, कारोबार और सम्पर्क जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूती प्रदान करना चाहते हैं। द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच 7 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच 3 द्विपक्षीय परियोजना का उद्घाटन किया। मोदी ने कहा- मुझे खुशी है कि भारत और बांग्लादेश के बीच 3 और योजनाओं का उद्घाटन करने का मौका मिला। हमने एक साल के अंदर 12 संयुक्त प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। यह हमारी मित्रता के आधार पर आधारित है।'

बांग्लादेश को NRC से कोई समस्या नहीं

इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से आई एक खबर के अनुसार शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश को NRC से कोई समस्या नहीं है और न ही बांग्लादेश को इससे चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि पीएम मोदी से मेरी बात हो चुकी है। सब ठीक है।' बांग्‍लादेश की शेख हसीना वर्ल्‍ड इकोनॉमिक फोरम की इंडिया इकोनॉमिक समिट में हिस्‍सा लेने भारत आई हैं। बता दें कि यूएनजीए के अधिवेशन के दौरान मोदी की बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना से हुई थी। तब हसीना ने एनआरसी का मुद्दा उठाया था और चिंता जाहिर की थी। इसपर पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि भारत-बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध हैं। ऐसे में बांग्लादेश को एनआरसी से चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

इससे पहले बांग्लादेश और भारत के बीच वार्ता को लेकर शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस द्विपक्षीय वार्ता में आवगमन, एक दूसरे से संपर्क, क्षमता का निर्माण और विकास के साथ-साथ संस्कृतिक क्षेत्रों से संबंधित विषयों को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

दोनों देशों के बीच काफी लंबे समय से नदियों से संबंधित विवाद लंबित हैं, जिसमें खास तौर पर तीस्ता नदी के जल बंटवारे का मुद्दा शामिल है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच रोहिग्यों प्रवासियों की एक बड़ी समस्या है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच इन मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ अपसी संबंधों को नई ऊंचाई देने पर भी चर्चा होने की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच कभी नजदीकी संबंध नहीं रहे। निश्चित रूप से दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर बातचीत होगी। जब हम द्विपक्षीय रिश्ते की बात कहते हैं तो इसका मतलब है कि दोनों देश संबंधों को नई दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक पहल करने वाले हैं।