तालिबान के समर्थन में चीन ने उठाई UNSC में यह मांग, सभी देशों ने मिलकर नकारा

अफगानिस्तान में तालिबान ने हक़ जमाते हुए अपनी सरकार बनाई हैं और अब पूरी दुनिया से संबंध स्थापित करने में लगा हैं। हांलाकि तालिबान अलग पड़ता हुआ दिखाई दे रहा हैं लेकिन चीन और पाकिस्तान बार-बार उसके समर्थन में आते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जहां चीन द्वारा तालिबानी नेताओं को यात्रा में मिली छूट की समयसीमा को बढ़ाने की मांग की गई जिसे सभी देशों ने मिलकर नकार दिया। यात्रा में छूट की समयावधि बढ़ाने की मांग चीन ने ऐसे समय में की है जब तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने लिए जगह मांगी है।

दरअसल चीन ने तालिबानी नेताओं की यात्रा की समयसीमा को 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने का प्रस्ताव भारत की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने रखा था। लेकिन किसी भी देश ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। सदस्य देशों का मानना है कि इतनी जल्दबाजी में छूट देना सही नहीं है। हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए और तालिबान पर फिलहाल नजर रखने की जरूरत है।

तालिबान ने अपने प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अपना स्थायी राजदूत भी नियुक्त किया है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिख सोमवार को समाप्त होने वाली महासभा की वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान बोलने देने के लिए कहा। गुटेरेस के प्रवक्ता फरहान हक ने मुत्ताकी के पत्र की पुष्टि की है। प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि अफगानिस्तान की संयुक्त राष्ट्र में जगह के लिए नौ सदस्यीय क्रेडेंशियल कमेटी को अनुरोध किया गया है। इन सदस्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस शामिल हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि तालिबान की इस हफ्ते समिति के साथ बैठक होने की संभावना नहीं है। इसलिए तालिबान के प्रतिनिधि का संबोधन मुश्किल लग रहा है।