अगर आप सरकारी नोकरी कर रहे है या सरकारी नोकरी करना चाहते है तो ये खबर आपको खुश कर देगी...
7वें वेतन आयोग के अंतर्गत सरकार न्यूनतम वेतन में इजाफा करने का विचार कर रही है। ऐसे में यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर हो सकती है। जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 21,000 रुपये कर सकता है।
आपको बता दें कि मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए है। एक बार सरकार की ओर इस पर मंजूरी दिए जाने के बाद यह 18,000 से बढ़कर 21,000 रुपए प्रति माह हो जाएगा। यह जानकारी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आई है।
वित्त मंत्रालय ने 2.57 गुना के फिटमेंट फॉर्म्युले को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन मंत्रालय अब इसे तीन गुना करने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपये से बढ़ाने का वादा किया है। दरअसल सरकार का मानना है कि इससे कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता से कुछ हद तक राहत मिलेगी और निचले स्तर के कर्मचारियों को मदद मिलेगी। यही नहीं गरीबी को दूर करने में भी यह कदम मददगार साबित होगा।
आपको बता दे क्यों बढाया जा रहा है वेतन -:केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंट फॉर्मूला पर आपत्ति जताई थी और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी। बाद में सरकार ने कर्मचारी नेताओं से बातचीत कर चार महीने का समय मांगा था और फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ। तब वित्तमंत्री जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के साथ बैठक में कर्मचारी नेताओं ने साफ कहा था कि सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंट फॉर्मूले से कर्मचारी बुरी तरह आहत हैं।
सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के करीब एक साल बाद इस उठे सभी विवादों को खत्म कर दिया और अलाउंसेस समेत कई मुद्दों का समाधान किया। एक मुद्दा न्यूनतम वेतनमान का बना रहा है। अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर बताई जा रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार न्यूनतम वेतनमान का मुद्दा हल करना चाहती है। कहा जा रहा है कि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतनमान बढ़ाने पर विचार कर रही है। फिलहाल न्यूनतम वेतनमान 18000 रुपये प्रतिमाह है जिसे कर्मचारी बढ़ाकर 25000 रुपये प्रतिमाह करने की मांग कर रहे हैं। पहले भी सरकार से बातचीत के दौरान यह बात निकलकर सामने आई कि सरकार न्यूनतम वेतनमान को 21000 रुपये प्रतिमाह करने को तैयार हो गई है, लेकिन कुछ कर्मचारी संगठन इस पर तैयार नहीं थे।