पाकिस्तान में सिंध प्रांत के साथ भेदभाव के आरोपों ने लिया नया मोड़, इमरान सरकार ने छीनी 1.5 लाख नौकरियां

पाकिस्तान में सिंध प्रांत को लेकर लंबे समय से बहस चल रही हैं कि यहां के लोगों के साथ भेदभाव किया जाता हैं। अब भेदभाव के आरोपों ने एक नया मोड़ ले लिया है जब यह बात सामने आई कि इमरान खान की संघीय सरकार पर एक रिपोट में यह आरोप लगे कि तीन साल में करीब 1.5 लाख लोगों को नौकरियों से निकाल दिया जिसमें से 80 फीसदी कर्मचारी सिंध प्रांत के रहने वाले हैं। यह दर्शाता हैं कि यह पीटीआई की सिंध व उसके लोगों को आर्थिक कर्मजोर करने की साजिश है।

अवामी आवाज ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा, 1.5 लाख कर्मचारियों में अधिकतर सिंधी के होने का आंकड़ा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की मौजूदा सरकार का सिंध विरोधी पूर्वाग्रह दिखाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के कानून के हिसाब से किसी भी सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त करने से पहले तीन महीने का नोटिस देना होता है, लेकिन इतने सारे कर्मचारियों को अचानक उनकी नौकरियों से किसी कानून के तहत हटाया गया है, ये स्पष्ट नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह विभिन्न केंद्रीय कार्यालयों से 16,000 लोगों को निकाला गया, जिनमें सुई सदर्न गैस के 2,000 सिंधी कर्मचारी भी थे। ये कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें पिछले 11 साल की नौकरी के दौरान लिया वेतन लौटाने का आदेश दिया है।