IMF ने भी माना - आर्थिक सुस्ती की चपेट में दुनिया के 90 फीसदी देश, भारत पर इसका गंभीर असर

आर्थिक सुस्ती को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ International Monetary Fund) के चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है, जिसके कारण 90 फीसदी देशों की विकास की रफ्तार धीमी रहेगी और जैसे की भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से उभर रही है जिसकी वजह से इसका अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि साल 2019 में हमें लगता है कि दुनिया के 90 फीसदी देशों में ग्रोथ रेट सुस्त रहेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था अब सुस्ती के दौर में है। आईएमएफ प्रमुख ने चेतावनी दी है कि 2019 और 2020 के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक एक जटिल हालात पेश करते हैं।

जॉर्जिएवा ने कहा कि अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों में आर्थ‍िक गतिविधियां नरम पड़ रही हैं, खासकर यूरोप में। दूसरी तरफ, भारत और ब्राजील जैसे देशों में इस साल आर्थिक सुस्ती ज्यादा मुखर रूप में दिखी है। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी अब धीरे-धीरे गिर रही है। जॉर्जिवा ने कहा कि आईएमएफ चालू और अगले वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान को घटा रहा है। हालांकि इसके आधिकारिक संशोधित आंकड़े वह 15 अक्टूबर को जारी करेगा। पहले आईएमएफ ने 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत और 2020 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। उन्होंने कहा कि करीब 40 उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत से अधिक रहेगी।

उन्होंने कहा, 'इस तरह के आउटलुक से उन देशों के लिए और मुश्किल होने वाली है जो पहले ही कठिनाई से गुजर रहे हैं। खासकर मुद्रा कोष कई देशों में कार्यक्रमों में समस्या आ सकती है।

बता दे, आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की एक हफ्ते के बाद ही संयुक्त सालाना बैठक होने वाली है जिसमें दोनों संस्थाएं अपने आर्थ‍िक अनुमान पेश करेंगी। इसमें दुनिया के शीर्ष केंद्रीय बैंकर और वित्त मंत्री शामिल होंगे।

बता दे, बुल्गारिया की इकोनॉमिस्ट क्रिस्टालिना हाल में ही आईएमएफ की निदेशक बनी हैं और उन्होंने क्रिस्टीन लगार्द का स्थान लिया है।