यदि आपके मरीज को लगा है आक्‍सीजन मास्‍क तो हो जाए सावधान, हो सकते है ब्‍लैक फंगस का शिकार

भारत में ब्‍लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे है। जैसे-जैसे ब्‍लैक फंगस अपने पांव पसार रहा है इसके इलाज और लक्षण को लेकर कई सारी जानकारियां सामने आई हैं। हाल ही में सामने आया है कि अगर किसी के आक्‍सीजन लगी है वो भी इसकी चपेट में आसानी से आ सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक आक्‍सीजन लगने के बाद मास्‍क के चारों तरफ फंगस जमा होने लगती है। ऐसे में जब आप सांस लेते है तो यह फंगस आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है. सबसे पहले यह नाक फिर मुंह, आंख और फिर मसतिष्‍क तक पहुंच जाती है। ऐसे में एक बार यह मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो फिर मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में डॉक्‍टरों का कहना है कि अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो इलाज हो सकता है। डॉक्‍टरों का कहना है कि ऐसे मरीज जिन्‍हें आक्‍सीजन लगी है उसको कुछ समय के बाद साफ करना बेहद जरूरी है।

इस बात का भी ध्‍यान रखना बेहद जरूरी है कि आक्‍सीजन में इस्‍तेमाल पानी को भी अधिक पुराना न होने दें। इसके लिए केवल डिस्ट्रिल वाटर ही इस्‍तेमाल करें। आपको ये भी बता दें कि ये फंगस नमी वाली जगह पर ही पनपती है। ऐसे में यदि आक्‍सीजन के लिए लगा मास्‍क इसका माध्‍यम बनता है तो इसका असर सबसे पहले नाक पर पड़ता है और उसमें सूजन आ सकती है। साथ ही नाक से ब्राउन कलर का पानी बहने लगता है। यदि किसी मरीज पर इस तरह का कुछ भी दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्‍टर को दिखाने की जरूरत होती है।

आपको बता दें कि विशेषज्ञों की निगाह में नाक का बंद होना और सांस लेने में अधिक परिश्रम करना और दांतों का ढीला होना जैसे लक्षण इसके शुरुआती संकेत होते हैं। ऐसे में इन्‍हें गंभीरता से लेने की जरूरत है। समय रहते इलाज से ये बीमारी ठीक हो सकती है।