ICMR का बड़ा फैसला, कोविड-19 जांच के लिए 4,500 रुपए की मूल्य सीमा हटाई

देश में कोरोना मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। Covid-19 के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1.47 लाख के पार पहुंच गई है। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर और कामगार अपने-अपने राज्य लौट रहे हैं। इससे बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि भारत में कोरोना मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है। कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा 15 अप्रैल के 3.3% से कम होकर फिलहाल 2.87% हो गया है जो दुनिया में सबसे कम है।

वहीं, आईसीएमआर ने कोरोना वायरस की रियल टाइम पॉलीमेरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच के लिए निर्धारित अधिकतम 4,500 रुपए की शुल्क सीमा हटा दी है। ईसीएमआर ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश निजी प्रयोगशालाओं से बातचीत करके आपसी सहमति से जांच की कीमत तय कर सकते हैं।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने सोमवार को राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि घरेलू स्तर पर उत्पादन की वजह से कोविड-19 जांच की किट की आपूर्ति स्थिर हो गई है। उन्होंने कहा कि इसको संज्ञान में लेते हुए और जांच वस्तुओं की कीमत को देखते हुए 17 मार्च को पत्र के जरिये जांच के लिए निर्धारित अधिकतम 4,500 रुपए की कीमत अब प्रभावी नहीं होगी।

भार्गव ने पत्र में कहा कि सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को सलाह दी जाती है कि वे निजी प्रयोगशालाओं से बात करें और आपसी सहमति से सरकार द्वारा भेजे गए नमूनों और व्यक्तिगत रूप से अपनी जांच कराने के इच्छुक व्यक्तित की जांच के लिए कीमत तय करें।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के दौरान जांच किट को लेकर वैश्चिक मारामारी थी और भारत पूरी तरह से इसके आयात पर निर्भर था। मध्य मार्च में भारत में आरटी-पीसीआर जांच के लिए कोई दर संदर्भ के लिए उपलब्ध नहीं थी। इसे देखते हुए आईसीएमआर (ICMR) ने 4500 रुपए की अधिकतम जांच शुल्क तय की थी। उल्लेखनीय है कि इस समय देश में 428 सरकारी और 182 निजी प्रयोगशाला कोविड-19 की जांच कर रही हैं।

टेस्टिंग 70 गुना बढ़ी

बता दे, 1 अप्रैल को देश में हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 32 लोगों की ही कोरोना जांच हो रही थी। 30 अप्रैल तक ये आंकड़ा 32 से बढ़कर 616 हो गया। अभी 24 मई तक के ही आंकड़े मौजूद हैं। और इसके मुताबिक, 24 मई को देश में हर 10 लाख लोगों में से 2 हजार 159 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। यानी, 1 अप्रैल के बाद से हर 10 लाख लोगों पर कोरोना टेस्टिंग के आंकड़े 24 मई तक करीब 70 गुना तक बढ़ गए।

वहीं, राज्यों की बात करें तो दिल्ली में हर 10 लाख लोगों में से सबसे ज्यादा 8 हजार 494 लोगों की टेस्टिंग हो रही है। महाराष्ट्र में हर 10 लाख लोगों में से 2 हजार 909 लोगों की टेस्टिंग हुई है। जबकि, बिहार में 24 मई तक हर 10 लाख लोगों में से सिर्फ 524 लोगों की ही टेस्टिंग हुई है।