'नवंबर में देश में होंगे कोरोना के सर्वाधिक मामले', रिपोर्ट को ICMR ने सिरे से किया खारिज

देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में नवंबर महीने के आसपास कोरोना महामारी का पीक आएगा। लेकिन, इस रिपोर्ट को ICMR ने सिरे से खारिज कर दिया। संस्था ने इस रिपोर्ट को भ्रामक बताया है। आईसीएमआर ने कहा कि यह एक गैर-सहकर्मी मॉडलिंग की समीक्षा को संदर्भित करता है, इसे संस्था द्वारा नहीं किया गया है और यह आईसीएमआर की आधिकारिक स्थिति नहीं दिखाता है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया था

दरअसल, रिपोर्ट में दावा किया गया था कि देश में लॉकडाउन लागू होने की वजह से इस महामारी का डरावना रूप कुछ वक्त के लिए टल गया था, लेकिन नवंबर में जब पीक आएगा तो शायद अस्पतालों में ICU बेड्स, वेंटिलेटर की भी कमी हो जाएगी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की तरफ से गठित ऑपरेशंस रिसर्च ग्रुप के शोधकर्ताओं के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। इस अध्ययन में आठ सप्ताह के लॉकडाउन की वजह से कोरोना का पीक 34 से 76 दिन आगे बढ़ने की पुष्टि की गई थी। हालांकि, ICMR की ओर से कहा गया है कि ये एक स्वतंत्र स्टडी है, जिसका ICMR से कोई लेना देना नहीं है। पीआईबी की ओर से भी कहा गया है कि इस स्टडी को ICMR के द्वारा नहीं किया गया है। ऐसे में इसमें दी गई जानकारी को सही नहीं माना जा सकता है।

पहला मरीज 30 जनवरी को मिला था

भारत में पहला कोरोना मरीज 30 जनवरी को मिला था। फरवरी के पहले सप्ताह में दो और मरीज मिले थे, लेकिन एक महीने बाद दिल्ली में 2 मार्च को चौथा संक्रमित मिलने के साथ ही लगातार संख्या बढ़ने लगी। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया। जबकि 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार 10 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं इसलिए चिंता बढ़ती जा रही है। मंत्रालय के मुताबिक, 9 जून तक देश में करीब 958 अस्पताल सिर्फ कोरोना के लिए काम कर रहे हैं। इनमें सवा लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड, 10 हजार से ज्यादा आईसीयू बेड, 46 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड हैं। इसके अलावा 7 हजार 500 कोविड केयर सेंटर में भी सात लाख से अधिक बेड हैं। अभी 21 हजार से ज्यादा वेंटिलेटर हैं, करीब 60 हजार का और ऑर्डर दिया गया है।