डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कितनी असरदार है वैक्सीन? ICMR-NIV करेंगी जांच

कोरोना वायरस (Coronavirus) के डेल्टा प्लस वेरिएंट (AY.1) को लेकर भारत में चिंता बढ़ गई है। देशभर में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 40 मामले सामने आ चुके हैं। इस बात की जानकारी सरकार ने बुधवार को दी है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का यह खतरनाक वैरिएंट अब 4 राज्‍यों (तमिलनाडु, केरल, महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश) में फैल चुका है। इन राज्‍यों में अब तक इसके कुल 40 मरीज सामने आ चुके है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के सबसे ज्यादा 21 केस महाराष्ट्र और 6 केस मध्यप्रदेश में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा केरल, तमिलनाडु में 3-3, कर्नाटक में 2 और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में 1-1 मामले में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, बुधवार शाम इनमें से एक महिला की मौत हो गई। फिलहाल इस वेरिएंट की पुष्टि 11 देशों में हो चुकी है और भारत सरकार की तरफ से इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र (Maharashtra) में अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं। फिलहाल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने कोरोना के इस रूप से खिलाफ वैक्सीन पर स्टडी करने का फैसला किया है।

केंद्र सरकार ने राज्यों से प्रभावित जिलों में कंटेनमेंट उपाय और तेज करने के लिए कहा है। स्टडी के दौरान ICMR के एक्सपर्ट्स यह जानकारी हासिल करेंगे कि देश में मौजूद वैक्सीन डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कितनी असरदार हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ICMR के वैज्ञानिक समिरन पंडा ने बताया कि जांच के नतीजे कुछ हफ्तों में सामने आ सकते हैं।

बीते हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बैठक की थी। इस बैठक में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चर्चा की गई थी और अधिकारियों और डॉक्टर्स को तैयारियां तेज करने के आदेश दिए गए थे।

हाल ही में हुए एक मीटिंग में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आशंका जताई थी कि यह वेरिएंट महाराष्ट्र में तीसरी लहर का कारण बन सकता है। राज्य सरकार ने चेतावनी दी थी कि एक्टिव केस की संख्या 8 लाख तक पहुंच सकती है, जिनमें 10% बच्चे होंगे।

दोनों भारतीय टीके डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) के खिलाफ प्रभावी

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि भारत उन दस देशों में से एक है, जहां अब तक ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप मिला है। उन्होंने कहा कि 80 देशों में ‘डेल्टा स्वरूप’ का पता चला है।

भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के बारे में एक परामर्श जारी किया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को इस मुद्दे पर पहल की शुरुआत करनी चाहिए। अभी संख्या के लिहाज से यह काफी छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि इसमें वृद्धि हो।

भूषण ने कहा था कि मोटे तौर पर दोनों भारतीय टीके - कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) - डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी।